पुलिसकर्मियों की लूट पर पर्दा डालने का किया जा रहा प्रयास

Police loot case

Police loot case

देहरादून। Police loot case चुनाव के दौरान पुलिस महानिरीक्षक के सरकारी वाहन से हुई लूट का मामला एक बार फिर गरमा गया है। भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने राज्यपाल को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की है।

ेहरादून। Police loot case चुनाव के दौरान पुलिस महानिरीक्षक के सरकारी वाहन से हुई लूट का मामला एक बार फिर गरमा गया है। भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने राज्यपाल को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की है।

आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों की लूट पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है। इससे आला अफसर और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठने लाजिमी हैं।

भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने पत्र में लिखा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान चार अप्रैल की रात पुलिस महानिरीक्षक के सरकारी वाहन में सवार दरोगा और तीन पुलिस कर्मियों ने प्रापर्टी डीलर अनुरोध पंवार से नोटों भरा बैग लूट लिया था।

पीड़ित डीलर को आचार संहिता का खौफ दिखाकर यह लूट की गई। पंवार द्वारा लगाए गए आरोपों की सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि के बाद 10 अप्रैल को डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया।

नाटकीय तरीके से जांच एसटीएफ के सुपुर्द कर दी गई

पुलिस कार्रवाई कर पाती, इससे पहले ही नाटकीय तरीके से जांच एसटीएफ के सुपुर्द कर दी गई। जिससे आरोपियों को बचाव का मौका मिल गया। एसटीएफ ने उन्हें जेल तो भेज दिया, लेकिन न तो एक रुपया और न ही बैग बरामद कर सकी।

भाजपा नेता ने सवाल उठाए कि यदि रिमांड पर कुछ नहीं मिला तो आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट क्यों नहीं कराया गया। कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा ने जब अनुरोध को बुलाया था, तो निश्चित रूप से रकम को लेकर भी बात हुई होगी।

इस गंभीर प्रकरण में न तो सरकार और न ही आला अफसरों ने आगे आकर किसी तरह की दिलचस्पी दिखाई। सरकार को अपने स्तर से सीबीआई जांच की संस्तुति करनी चाहिए थी।

जुगरान का कहना था कि यह अपराध आईजी की गाड़ी और पुलिसकर्मियों द्वारा किया गया है, ऐसे में जनहित में पूरे मामले की सच्चाई सामने आनी चाहिए।

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