प्लाज्मा थेरेपी ट्रीटमेंट पर हाईकोर्ट ने मांगा शपथ पत्र

Plasma therapy treatment

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क्वारंटाइन सेंटर व कोरोना अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था का मामला
अब हर बुधवार को होगी सुनवाई

नैनीताल। Plasma therapy treatment उत्तराखंड हाईकोर्ट ने क्वारंटाइन सेंटर और कोरोना अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था के मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि प्लाज्मा थरेपी ट्रीटमेन्ट के तहत हो रही कार्यवाही के सम्बंध में शपथपत्र पेश कर कोर्ट को अवगत कराने को कहा है।

साथ ही कोविड अस्पतालों की बेहतरी व कोरोना से लड़ने के सम्बंध में हर सोमवार को कोर्ट में सुझाव देने को कहा है। कोर्ट इस मामले में अब हर बुधवार को सुनवाई करेगी। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई।

मामले के अनुसार हाईकोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के छह अस्पतालों को कोविड-19 के रूप में स्थापित किया है।

लेकिन इन अस्पतालों में कोई भी आधारभूत सुविधा नहीं है। जबकि देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने भी उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।

पूर्व में बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। न ही ग्राम प्रधानों के पास कोई फंड उपलब्ध है।

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