श्राइन बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने किया विधानसभा कूच, पुलिस से नोक-झोंक

Pilgrim priests against Shrine Board

Pilgrim priests against Shrine Board

देहरादून। Pilgrim priests against Shrine Board श्राइन बोर्ड के गठन का विरोध जारी रखते हुए देवभूमि तीर्थ पुरोहित महापंचायत आज फिर से विधानसभा कूच के लिए निकली। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया।

पुलिस ने उन्हें रोका तो जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस ने लाठियां फटकार कर प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेला, जिसके बाद प्रदर्शनकारी वहीं धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। 

महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी के मुताबिक सरकार श्राइन बोर्ड के गठन को लेकर तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लेने की कोई कोशिश नहीं कर रही हैं। श्राइन बोर्ड के विरोध में ही तीर्थ पुरोहित एक बार पहले भी विधानसभा कूच कर चुके हैं।

सीएम आवास पर भी प्रदर्शन किया जा चुका है। बोर्ड गठन के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने विधानसभा कूच किया, जहां पर पहले से तैनात पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें रोका तो वह उनसे उलझ गए।

सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे

इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस ने लाठियां फटकार कर प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेला, जिसके बाद प्रदर्शनकारी वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

तीर्थ पुरोहितों का कहना है किसी भी सूरत में श्राइन बोर्ड का गठन नहीं होने दिया जाएगा। सरकार उनके अधिकारों को समाप्त करने पर तुली हुई है। आरोप लगाया कि सरकार श्राइन बोर्ड का गठन कर चार धाम का व्यवसायीकरण करने जा रही है।

महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने हजारों तीर्थ पुरोहितों व हकहकूक धारियों के साथ अन्याय किया है। महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि श्राइन बोर्ड केंद्र सरकार के इशारे पर बनाया जा रहा है।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार अपने रुख पर कायम रही तो आगामी यात्राकाल में तीर्थ पुरोहित व हकहकूक धारी सदियों से चली आ रही परंपराओं को तोड़ने के लिए बाध्य होंगे।

इसके साथ ही गैरसैंण राजधानी की मांग को लेकर राजधानी गैरसैंण निर्माण समिति के सदस्यों ने विधानसभा कूच किया। वहीं सेलाकुई में शीशम बाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट हटाने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने विधानसभा कूच किया।

आंदोलनकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार स्थानीय लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रही है। लोगों के प्रदर्शन के बावजूद अब तक प्लांट पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। प्लांट खोलकर सरकार लोगों को धीमा जहर दे रही है। 

जरा इसे भी पढ़ें

बस स्टैंड के समीप युवक ने जहर खाकर की आत्महत्या
भूकंप के झटकों से डोली धरती
भाजपा की पहाड़ विरोधी मानसिकता