बागेश्वर । जल दिवस पर विकास भवन में गोष्ठी हुई। पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि जल संकट के लिए कहीं न कहीं चीड़ के जंगल भी जिम्मेदार हैं। बागेश्वर में 66 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र में है। जिसमें 50 हजार हेक्टेयर भूमि पर चीड़ का जंगल खड़ा है। उन्होंने कहा कि मिश्रित वन सिर्फ 20 प्रतिशत हैं। जिससे आने वाले समय में पानी को बचाना जरूरी हो गया है। एनजीओ और अधिकारियों ने भी जल संचय के लिए तमाम टिप्स दिए। पेयजल मंत्री पंत ने कहा कि चीड़ वनस्पति उगने नहीं देता। भूमि में जल को रूकने नहीं देता। उन्होंने कहा कि राज्य में पांच हजार जलसंस्थान की योजनाएं, दस हजार ग्राम पंचायत में पानी का संकट पैदा होने का अनुमान लगाया गया था। लेकिन 728 योजनाएं अभी तक प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि स्रोतों का सूखना चिंता का विषय है। इसके लिए मानव पूरी तरह जिम्मेदार है। हिमालय ट्रस्ट के सदन मिश्रा ने कहा कि जल संकट बढ़ता जा रहा है।
20 साल का उनका अनुभव रहा है। एक अध्ययन के अनुसार राज्य में करीब 12 हजार जलस्रोत सूख गए हैं। करीब 860 जलस्रोत बागेश्वर में हैं। जिसमें 269 स्रोतों में पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि यूकोस्ट की सर्वे के अनुसार पानी की कमी से गरुड़ घाटी में 49 प्रतिशत फसल कम पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत जल संरक्षण के क्षेत्र में काम किया जा रहा था, वह भी अधूरा रहा। भाजपा जिलाध्यक्ष शेर सिंह गड़िया ने कहा कि एनजीओ सेमिनार से जल संचय की बात बेमानी होगी। विधायक चंदन राम दास ने कहा कि पानी को बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार जल संरक्षण और संवर्द्धन के क्षेत्र में अच्छा काम कर रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता रमेश कृषक ने कहा कि चालखाल योजना से भूस्खलन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह एनजीओ और अधिकारियों के लिए धन की बंदरबांट का एक अच्छा साधन है। होटल ऐसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम सिंह दानू ने कहा कि जल संचय की शुरूआत होटलों से की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसोसिएशन इस पर कार्ययोजना बनाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने गोष्ठी की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि सरकार की इस योजना को धरातल पर उतारने में सभी को सहयोग करना होगा। इस मौक पर डीएम रंजना वर्मा, सीडीओ एसएसएस पांगती, सुबोध लाल साह, कुंदन परिहार, महेश खेतवाल, राम प्रसाद टम्टा, रमेश साह गंगोला, जगदीश कालाकोटी, हरीश सोनी, मनोहर राम, संजय परिहार, चंपा देवी, पर्यटन अधिकारी लता बिष्ट, हेमा परिहार आदि मौजूद थे।