नई दिल्ली । शीतकालीन सत्र के दौरान नोटबंदी के मुद्दे पर दिख रही विपक्षी एकता संसद से निकल कर सड़क पर आते-आते तार-तार होने जा रही है। 28 नवम्बर को कांग्रेस, वामदल, जदयू, तृणमूल समेत दूसरे विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ बंद का ऐलान किया है। दिलचस्प बात यह है कि संसद के भीतर विपक्ष एकजुट होकर सरकार की घेरेबंदी कर रहा है, किंतु 28 नवम्बर को सड़क पर उतर कर सभी दल अलग-अलग अपने झंडे तले प्रदर्शन करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस 28 नवम्बर को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करेगी। इस प्रदर्शन में किसी अन्य विपक्षी दल को शामिल नहीं किया जाएगा। जदयू भी कांग्रेस की तर्ज पर ही जिला स्तर पर अपनी ताकत की नुमाइश करेगा। इसी प्रकार तृणमूल कांग्रेस, सपा, राजद, बसपा व वामदल समेत दूसरे विपक्षी दल जिला मुख्यालयों पर नोटबंदी के खिलापफ प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखाएंगे। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद में अपनी एकजुटता से सरकार की पेशानी पर चिंता की लकीरें उभारने वाले विपक्षी दल सड़क पर बिखर कर नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र को कहां तक घेर पा रहे हैं।