नई दिल्ली। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने साफ कर दिया है कि सरकार की 1000 रुपये मूल्य के करेंसी नोट छापने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। सरकार का सारा जोर 500 रुपये और कम मूल्य के करेंसी नोटों की ज्यादा से ज्यादा छपाई और उन्हें बाजार में लाने पर है। सरकार 2000 रुपये और 500 रुपये के नए करेंसी नोट चलन में ला चुकी है। साथ ही सरकार की प्राथमिकता अब 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये और कम मूल्य के ज्यादा से ज्यादा करेंसी नोट छापने की है।
दास ने बताया कि बैंकों के एटीएम में नकद नहीं होने की शिकायतों को हल किया जा रहा है। जल्दी ही सभी एटीएम में पर्याप्त नकद राशि मिलेगी। इसके लिए संबंधित एजेंसियों को कहा जा चुका है, जिससे एटीएम में नकदी भरने की प्रक्रिया लगातार जारी रहे। आथिक मामलों के सचिव ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोगों को अब नकदी को लेकर ज्यादा परेशान होने और जरूरत से ज्यादा नकदी घरों में रखने की आवश्यकता नहीं है। लोग उतनी ही नकदी एटीएम से निकालें, जितनी उन्हें जरूरत हो। देखा गया है कि नकदी नहीं मिलने की बेवजह की चिंता के चलते कई बार लोग जरूरत से ज्यादा नकदी एटीएम से निकाल रहे हैं, जिससे दूसरों को नकदी नहीं मिल पा रही है।
दरअसल 8 नवम्बर, 2016 को केंद्र सरकार ने नोटबंदी का एलान किया था, जिसके बाद 1000 रुपये और 500 रुपये मूल्य के करेंसी नोट्स की कानूनी वित्तीय मान्यता रद्द कर दी गई थी। उसके बाद से देशभर के एटीएम में कम मूल्य के और नए 500 रुपये एवं 2000 रुपये के करेंसी नोट निकालने के लिए लंबी-लंबी कतारें लगती रहीं। एटीएम में नकदी नहीं होने की बढ़ती शिकायतों और सरकार द्वारा 1000 रुपये के करेंसी नोट को फिर से लाने के कयासों पर विराम लगाने के लिए वित्त मंत्रालय के सचिव ने ये बयान जारी किया।