शराबबंदी से बिहार में बढ़ी खुशहाली: नीतीश कुमार

पटना । बिहार के मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने कहा है कि प्रदेश में शराबबंदी के बाद से पिछले सात महीनों में दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री में 29 से 31 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इसके साथ ही दूध् के व्यापार में भी उत्साहजनक तेजी देखने को मिली है। वहीं, सिले हुए कपड़ों में 44 प्रतिशत की बिक्री बढ़ गयी है। इसके उलट राज्य में अपराध् का ग्राफ गिरा है.. मसलन हत्या जैसे संगीन अपराधें में 24 प्रतिशत की कमी आई है। मुख्यमंत्राी ने शराबबंदी के बाद से लोगों की खुशहाली बढ़ने का दावा करते हुए कहा कि पिछले वर्ष 2015 में अप्रैल से नवंबर तक की तुलना में 2016 में इस अवधि के दौरान गाड़ियों की बिक्री कापफी बढ़ गयी है। उन्होंने बताया कि पीछले सात महीने में चार पहिया वाहनों में कार और ट्रैक्टर की बिक्री 29 प्रतिशत, मोटरसाइकिल-आॅटो रिक्शा की बिक्री 31.6 प्रतिशत बढ़ी है। ऐसा ही कुछ आलम अन्य विभागों में भी देखने को मिल रहे हैं.. जो दर्शाता है कि शराब बंदी के बाद से लोग सकारात्मक सोच के साथ अपने पैसे का प्रयोग कर रहे हैं।

आंकड़ों का उल्लेख करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी से पूर्व शराब पर प्रत्येक साल लोगों का दस हजार करोड़ रुपये बर्बाद होता था। मगर शराबबंदी के बाद लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधर हुआ है। जबकि शराबबंदी से सरकारी राजस्व में करीब 5000 करोड़ रुपये के नुकसान को लेकर हो रही आलोचना पर सीएम नीतीश ने कहा कि इसे वो नुकसान नहीं मानते। सरकार के इस कदम से लोगों के घर के दस हजार करोड़ रुपये बच गए हैं। जिसका सीध प्रभाव व्यापार और रोजगार पर पड़ रहा है और इससे सरकार की भी आमदनी बढ़ेगी। शराबबंदी से प्रदेश में अपराध् में कमी आने के अपने दावे को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उत्पाद और नशे को छोड़कर कुल संज्ञेय अपराधें में भारी कमी आयी है।

सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 2015 के अप्रैल से नवंबर की तुलना में 2016 में इस दौरान हत्या के मामले में 24 प्रतिशत की कमी आयी है। इसी प्रकार से डकैती में 26 प्रतिशत, लूट के मामले में 16 प्रतिशत, पिफरौती के लिए अपहरण के मामले में 48 प्रतिशत, दंगे के मामलों में 37 प्रतिशत और सड़क दुर्घटना के मामलों में 19 प्रतिशत की कमी आयी है। मुख्यमंत्राी ने बताया कि शराबबंदी के पक्ष में अगले वर्ष 21 जनवरी से एक महाअभियान छेड़ा जाएगा, जो कि अगामी 22 मार्च तक चलेगा। जिसके तहत 21 जनवरी को बिहार के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक (पूर्णिया से गोपालगंज और कैमूर से भागलपुर एवं बांका जिला तक) दो करोड़ लोगों की मानव श्रृंखला बनाई जाएगी।