भारतीय हिन्दू समाज का कास्ट सिस्टम, नहीं जानतें तो ज़रूर पढ़े

दलित dalit
दलित

हमारे देश भारत में जब किसी अन्य धर्म का बोल बाला नहीं था। तब से यानि शुरूआत से ही एक कास्ट सिस्टम बना हुआ है। मनुस्मृति में जो लिखा उस के मुताबिक जातियों को उनके काम के हिसाब से चार  भागों में बांटा गया है। भारत में 4 कास्ट ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्यएंव  शूद्र हैं। जिनके बारे में अगली स्लाइड्स में पूरी जानकारी पा सकते है |…

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भारत में 4 कास्ट ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र हैं

मनुस्मृति के मुताबिक, जो लोग शिक्षा एंव धर्म का काम देखते हैं। वो लोग ही ब्राह्मण कहलाएं। उनपर समाज को आईना दिखाने एंव उसे धर्मनिष्ट मार्ग पर ले जाने की जिम्मेदारी होती है। इन्हें ही सर्वक्षेष्ठ मानव माना जाता है।

सर्वक्षेष्ठ मानव
सर्वक्षेष्ठ मानव

मनुस्मति के मुताबिक जो लोग ब्रह्मा की भुजाओं से अवतरित हुए। जिनपर शासन प्रशासन की जिम्मेदारी होती है। जिनपर समाज एंव देश की रक्षा की जिम्मेदारी होती है। जो अपना बलिदान दे प्रजा की रक्षा करते हैं। वो क्षत्रिय हैं।

क्षत्रिय
क्षत्रिय

ब्राह्मण एंव क्षत्रिय के बाद कर्म के हिसाब से तीसरा (3) वर्ग वैश्यों का है। जिनका मुख्य काम समाज को जोड़े रखना है। वैश्व वर्ग में किसान एंव व्यापारी आते हैं। माना जाता है कि ये वर्ग ब्रह्मा की जांघ से अवतरित हुआ। जो समाज को गतिमान बनाए रखता है।

वर्ग वैश्यों
वर्ग वैश्यों

3000 सालों से चली आ रही वर्ण व्यवस्था में चौथा स्थान शूद्रों का है। जो अधिकतर मजबूत वर्ग का है। ये वर्ग अपनी मेहनत के दम पर सभी की सेवा करता है और उचित पारिश्रमिक प्राप्त कर अपना गुजारा करता है।

शूद्रों
शूद्रों

इन सबके बाद भारतीय समाज में कुछ समय बाद दलित वर्ग भी आया। जो अधिकतर निकृष्ट काम किया करते थे। इनमें साफ सफाई करने वाला वर्ग आते हे हम इन सब को दलित के नाम से जानते हे , आज भी भारत में ये सब देखा जाता हे, दलित अपने सम्मान के लिए आज भी लड़ाई लड़ रहा हे |……

दलित dalit
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