आपदा में मिनिमम रिस्पांस टाइम की माॅनिटरिंग की जायेगी

Minimum Response Time in Disaster
आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जनपदों को लेकर बैठक लेते सीएम।
Minimum Response Time in Disaster

देहरादून। Minimum Response Time in Disaster मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जनपद उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग, बागेश्वर, चम्पावत, पिथौरागढ़, टिहरी गढ़वाल व पौड़ी गढ़वाल की समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने समस्त जिलाधिकारियों से प्रभावितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि, भवन क्षतिपूर्ति आदि की अद्यतन प्रगति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिये कि किसी भी आपदा की स्थिति में मिनिमम रिस्पांस टाइम के प्रति अधिकारी सतर्क रहें।

त्रिवेन्द्र ने कहा कि किसी भी आपदा में मिनिमम रिस्पांस टाइम ( Minimum Response Time in Disaster ) की माॅनिटरिंग की जायेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने विगत मानसून में जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित क्षेत्र में आपदा के न्यूनीकरण हेतु किये गये प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया तथा भविष्य में भी सड़क मार्गों को यातायात हेतु सुचारू रखने तथा जनपद में पेयजल, स्वास्थ्य, विद्युत आपूर्ति नियमित रखने के निर्देश दिये।

उन्होंने वर्षा को देखते हुए मिट्टी के तेल का कोटा बढ़ाने के निर्देश प्रमुख सचिव खाद्य को दिये। उन्होंने जनपदों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विधायकों द्वारा आपदा के दौरान प्रशासन की टीमों द्वारा समय पर कार्यवाही करने की स्वीकारोक्ति इस बात का संकेत है कि सरकार द्वारा आपदा के दौरान त्वरित गति से राहत का कार्य किया गया।

वर्षा से प्रभावित राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य मार्ग यातायात हेतु खोल दिये गये

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दौरान प्रभावित दूरस्थ मोटर मार्ग जौलजीवि-मड़कोट-मुनस्यारी को आंशिक रूप से खोल दिया गया है तथा संवेदनशील जनपदों में वर्षा से प्रभावित राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य मार्ग यातायात हेतु खोल दिये गये है। उन्होंने खाद्य गोदामों में खाद्य सामग्री की आपूर्ति प्रचुर मात्रा में रखने के निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया है, कि माह सितम्बर तक का खाद्यान्न उपलब्ध है।

सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के प्राकृतिक आपदा से पूर्णतः क्षतिग्रस्त दुकानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के व्यवसायियों/ स्वामियों को जीवनयापन हेतु दुकान/प्रतिष्ठान (संरचना) की क्षति तथा प्राकृतिक आपदा से पूर्णतः/तीक्ष्ण क्षतिग्रस्त आवासीय भवनों के भवन स्वामी को मुख्यमंत्री राहत कोष से अतिरिक्त सहायता के रूप में रूपये 1 लाख की सहायता राशि उपलब्ध कराने का विधायक यमुनोत्री केदार सिंह रावत ने स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने जनपद उत्तरकाशी की समीक्षा के दौरान गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत की आपदा के मानकों में बढ़ोत्तरी करने के प्रस्ताव पर सचिव आपदा अमित सिंह नेगी को इस सम्बन्ध में केन्द्र को भूमि एवं गृह बहने पर दी जाने सहायता के मानकों को बढ़ाने का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत की यमुनोत्री मार्ग कटाव रोकने के लिये वायरक्रेट का प्रस्ताव परिक्षण कराने के निर्देश दिये।

खाद्यान्न की गुणवत्ता की भी जानकारी प्राप्त की

उन्होंने समीक्षा के दौरान जनपदों को आपूर्ति किये जाने वाले खाद्यान्न की गुणवत्ता की भी जानकारी प्राप्त की तथा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी जनपदवार चर्चा की। जनपदों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बागेश्वर विधायक चन्दन राम दास एवं टिहरी विधायक धन सिंह नेगी से आपदा से सम्बन्धित सुझावा मांगे गये तथा जनपद उत्तरकाशी, बागेश्वर, रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जनपदों की आपदा से प्रभावित सड़क, सिंचाई, पेयजल, विद्युत योजनाओं के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।

जिलाधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि जनपदों के मुख्य मार्ग ठीक है तथा कतिपय पीएमजीएसवाई मार्ग में कार्य युद्धस्तर पर गतिमान है। प्रभावित पेयजल योजनाओं को पुनः संचालित कर दिया गया है। बैठक में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक महेन्द्र भट्ट, दिलीप सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव गृह आनंद बर्द्धन, सचिव पेयजल अरविन्द ह्यांकी सहित सम्बन्धित विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

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