Maulana Matinul Haq Usama
यूपी जमीयत के प्रदेशाध्यक्ष व कानपुर के शहर काजी थे मौलाना
मेहमूद मदनी के करीबी थे मतीनुल हक़ उसामा
कानपुर। जमीयत उलेमा ए हिन्द उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष व कानपुर के शहर काजी मौलाना मतीनुल हक़ उसामा ( Maulana Matinul Haq Usama ) का इंतक़ाल हो गया हैं। मौलाना के इंतक़ाल से उलेमाओं व उनके चाहनेवाले वालो में शोक की लहर दौड़ गई है।
मौलाना उसामा को पिछले कुछ दिनों से बुखार की हरारत महसूस हो रही थी। जमीयत उलेमा हिन्द ( jamiat ulema e hind) के प्रदेश अध्यक्ष हज़रत मौलाना मतीनुल_हक़_उसामा कानपुरी साहब का अचानक इंतक़ाल कर जाना आलम -ए-इस्लाम के लिये बहुत दुःखी करने वाला है।
छोटी सी बेमारी के बाद वो इस तरह दुनिया से चले जायेंगे बिल्कुल भी यक़ीन नही हो रहा है। देर रात उनके इंतक़ाल की खबर से हर कोई गमजदा हो गया।
मौलाना उसामा का उत्तराखंड भी आना जाना रहा हैं। यहां कई जलसों में मौलाना ने अपने खुसूसी बयानात से अवाम की इस्लाह की हैं। उनके इंतक़ाल से उत्तराखंड में भी गम का माहौल हैं।
जमीयत उलेमा उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना आरिफ क़ासमी ने मौलाना उसामा के इंतक़ाल पर गम का इजहार करते हुए कहा कि उनके जाने से जो नुकसान हुआ है उसकी तलाफ़ी होना मुश्किल हैं। उनकी ख़िदमत को फरामोश नही किया जा सकता।
हज़रत मौलाना मरहूम बहुत मिलनसार बा अख़लाक़ शख़्सियत के हामिल थे
मदरसा एसोसिएशन के प्रदेश सचिव मोहम्मद शाहनज़र ने कहा की हज़रत मौलाना मरहूम बहुत मिलनसार बा अख़लाक़ शख़्सियत के हामिल थे। जमीयत के कामों को बहुत ही ज़िम्मेदारी के साथ प्रदेश अध्यक्ष के रूप में आगे बढ़ा रहे थे।
वो जमीयत के प्रदेश अध्यक्ष के साथ साथ कानपुर शहर के क़ाज़ी भी थे। राब्ता मदारिस दारूल उलूम देवबन्द के पूर्वी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष थे। मौलाना जमीयत उलेमा हिन्द के वर्किंग बॉडी के भी सदस्य थे।
मौलाना उसामा को मौलाना महमूद मदनी के विश्वशनीय लोगों में शुमार किया जाता रहा हैं। उनके इंतक़ाल से मिल्लत ए इस्लामिया हिन्द ख़ासतौर से जमीयत उलेमा हिन्द का बड़ा नुक़सान हुआ हैं।
इमाम संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मुफ़्ती रईस अहमद क़ासमी, काजी दारुल क़ज़ा देहरादून मुफ़्ती सलीम अहमद क़ासमी, शहर काजी देहरादून मौलाना मोहम्मद अहमद क़ासमी, जमीयत के प्रदेश महासचिव मौलाना अल्ताफ, मौलाना मासूम क़ासमी, डॉ एस फ़ारुख, प्रयाग आईएएस अकादमी के निदेशक आर ए खान, प्रधान अब्दुल रज़्ज़ाक़, मौलाना इफ्तखार क़ासमी, मौलाना रिहान गनी, कारी नसीम मंगलोरी, मौलाना उवैस, हयात खान, हाजी शेख इक़बाल हुसैन|
पूर्व राज्यमंत्री गुलज़ार अहमद, मास्टर अब्दुल सत्तार, मास्टर मुस्तक़ीम आदि ने मौलाना के इंतक़ाल पर गम का इजहार किया हैं।सभी ने कहा है कि व्यक्तिगत रूप में हम ने अपना बड़ा मोहसिन और सरपरस्त खोया दिया हैं। अल्लाह से दुआ है कि मौलाना मरहूम के अहल ए खाना को सब्र ए जमील नसीब करे।
जरा इसे भी पढ़ें
अब आनलाईन होंगे मजलिस तहफ्फुज खत्मे नबुव्वत के सभी कार्यक्रम
इस्लाम में फसाद की मनाही
कुरान का पढ़ना व सुनना ही काफी नही है उस पर अमल करना भी जरुरी