औरंगाबाद। मुसलमानों एवं दलितों ऐसे ही निशाना बनाया गया तो वो दिन दूर नहीं जब देश एक बार फिर बंट जाएगा यह बात जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने औरंगाबाद में राष्ट्रीय एकता सम्मेलन को संबोधित कर करते हुए कही। मौलाना मदनी ने कहा संविधाना से बढ़कर कोई प्यारा नहीं। देश के संविधान में हर नागरिकों को अपने पर्सनल लाॅ पर अमल करने का हक दिया है।
उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से देश में मुसलमानों और दलितों को निशाना बनाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उससे वह दिन दूर नहीं जब ये देश एक बार फिर बंटवारे के कगार पर पहुंच जायेगा। मौलाना ने कहा कि अगर मुस्लिम पर्सनल लाॅ में बदलाव करना ही है तो इसके लिए मुसलमानों की ही राय लेनी चाहिए न कि पूरे देश की। एक न्यूज वेबपोर्टल के अनुसार सम्मेलन में हिंदू, ईसाई एवं सिख धार्मिक नेताओं ने भी अधिवेशन को संबोधित किया। इन धार्मिक नेताओं ने आपसी भाईचारे व एकता को देश की सफलता की चाबी बताया एवं एक-दूसरे को मिलजुलकर साथ रहने की अपील की।
इस अवसर पर मौलाना सैयद अरशद मदनी ने देश की स्वतंत्रता, और सांप्रदायिकता के खिलाफ मुकाबला करने में जमीयत के प्रयासों का उल्लेख करते हुए जमीयत के संघर्ष और इतिहास से नौजवानो ंको अवगत कराया। मौलाना मदनी ने सांप्रदायिक ताकतो के बढ़ने और उस पर केंद्र सरकार की चुप्पी की निंदा की और इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष भी किया। उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी जी वैसे तो घर वापसी, लव जिहाद एवं मताधिकर छीनने की बात पर तीन साल तक चुप रहे, और जब बोले तो सीधे तीन तलाक की बात पर बोले।