बर्फबारी के कारण Kedarnath yatra बुरी तरह से चरमराई
रुद्रप्रयाग। दो दिनों से केदारनाथ धाम में बर्फबारी जारी है। बर्फबारी के कारण Kedarnath yatra बुरी तरह से चरमरा गई है। जहां यात्रा के शुरूआती दौर में प्रत्येक दिन आठ से दस हजार यात्री बाबा केदार के दर्शनों के लिये पहुंच रहे थे। वहीं मुश्किल से अब दो हजार यात्री केदारनाथ के लिये जा रहे हैं। दो दिनों से हो रही बर्फबारी के बाद केदारनाथ में ठंड बढ़ गई है। ठंड के कारण यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन से केदारनाथ के लिये हेली सेवाएं भी उड़ाने नहीं भर पा रही हैं।
मौसम की मार सबसे अधिक केदारनाथ यात्रा पर पड़ी है। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है। केदारनाथ में दो दिनों से हो रही बर्फबारी के कारण यात्रा चरमरा गई है। व्यवस्थाएं भी पटरी से उतर चुकी हैं। बर्फबारी के चलते केदारनाथ में चल रहे सभी पुनर्निर्माण कार्य भी ठप्प पड़ गये हैं। मौसम खराब होने के कारण केदारनाथ के लिये उड़ान भरने वाली हेली सेवाएं भी दो दिनों से बाधित हैं।
मंगलवार को 12 बजे तक 2262 तीर्थ यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिये छोड़ा गया, लेकिन केदारनाथ में बर्फबारी होने के कारण इन यात्रियों को गौरीकुंड, भीमबली, लिनचैली आदि सुरक्षित यात्रा पड़ावों पर रोका गया। इसके अलावा कुछ यात्रियों को गुप्तकाशी, सोनप्रयाग, सीतापुर, रामपुर, फाटा आदि यात्रा पड़ावों पर भी रोका गया। 4272 तीर्थ यात्री केदारनाथ से गौरीकुंड के लिये छोड़े गये। प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं करना चाहता है। इसलिये मौसम खराब होते ही तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित यात्रा पड़ावों पर रोका जा रहा है।
मौसम के मिजाज बदलने से पूरा जन जीवन अस्त व्यस्त
मौसम के मिजाज बदलने से पूरा जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। रुद्रप्रयाग जनपद में दो दिनों से तेज हवाओं के साथ केदारघाटी से लेकर निचले इलाकों में रूक रूक कर बारिश और केदारनाथ में बर्फबारी हो रही है। केदारनाथ में सुबह 3 बजे से लगातार बर्फबारी हो रही है और तापमान माइनस 4 डिग्री तक नीचे चला गया है। पूरी केदारपुरी ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा का कहना है कि सभी यात्री सुरक्षित हैं।
अगर किसी भी प्रकार की कोई घटना होती है तो उसके लिए पूरे उपकरण तैयार हैं। जिला प्रशासन ने Kedarnath yatra के प्रत्येक पडाव पर सैक्टर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की है और उन्हें निर्देशित किया है कि अगर कोई अप्रिय घटना या किसी प्रकार की दैवीय आपदा जैसी स्थिति पैदा होती है तो उससे निपटने के लिए सभी प्रकार की तैयारी पूरी कर ले। वैसे 2013 की आपदा के बाद जिला प्रशासन काफी सर्तक है और चारधाम यात्रा को देखते हुए मौसम के अनुरूप कार्य किया जा रहा है।
लोक निर्माण विभाग और एनएच को डेंजर जोन पर पेाकलैण्ड और जेसीपी तैयार रखने को कहा गया है। केदारनाथ में पल पल में मौसम करवट बदल रहा है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि यात्रा पर पूरी तरह से प्रशासन की नजर है। मौसम खराब होने पर यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका जा रहा है। अभी तक कही से भी किसी भी प्रकार की दुर्घटना की खबर नहीं आई है।












