जयललिता की मौत पर गोपनीयता बरतने से मद्रास हाईकोर्ट नाराज

चेन्नई । तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत पर गुरुवार को रहस्य और गहरा गया जब मद्रास हाईकोर्ट ने जयललिता की मौत पर सवाल खड़े कर दिए। मद्रास हाईकोर्ट ने पूछा कि क्यों न जयललिता की मौत से सस्पेंस हटाने के लिए उनके पार्थिव शरीर को बाहर निकाला जाए? कोर्ट ने जयललिता की बीमारी को लेकर जो गोपनीयता बरती गई उस पर नाराजगी जताई। अदालत की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि हमें भी जयललिता की मौत को लेकर संदेह है। बता दें कि 75 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 5 दिसंबर को जयललिता की मृत्यु हो गई थी।

मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस वैद्यलिंगम ने इस मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि जयललिता की मौत पर मीडिया के साथ हमें भी संदेह है। उन्होंने आगे कहा कि जब जयललिता अस्पताल में भर्ती थीं तो कहा जा रहा था कि वह उचित आहार ले रही हैं। अंत तक ऐसी ही बातें सामने आ रही थीं। उन्होंने आगे कहा, इस मामले में सच सामने आना चाहिए। वहीं एआईएडीएमके की वरिष्ठ नेता सीआर सरस्वती ने कहा है कि जयललिता की बीमारी को लेकर कुछ भी छिपाया नहीं गया है, सब कुछ पारदर्शी है।