जवानों के वीडियो का इफेक्ट, सेना प्रमुख ने लिया ये फैसला

हर सैन्य मुख्यालय में लगेगी शिकायत पेटी: सेना प्रमुख

नई दिल्ली। पहले अर्धसैनिक बलों के जवानों और बाद में सेना के एक जवान द्वारा विडियो जारी करके भेदभाव, उत्पीड़न आदि का आरोप लगने के बाद इस मामले पर सेना प्रमुख बिपिन चंद्र रावत ने संज्ञान लिया है। इस मामले में उन्होंने कहा कि जवानों को विडियो जारी करके अपनी बात रखने की जरूरत नहीं है। सेना प्रमुख ने कहा कि हर सैन्य मुख्यालय में अब शिकायत पेटी लगाई जाएगी। इसके जरिए जवान अपनी शिकायत पहुंचा सकते हैं। सेना प्रमुख ने आश्वासन दिया कि इस पेटी को वह खुद खोलेंगे।
बता दें कि बीते कुछ दिनों में सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों की ओर से सोशल मीडिया में आजकल कई विडियो सामने आए हैं। जिसमे उनके लिए भोजन व अन्य तरह की शिकायत की गई है। पहले बीएसएफ, फिर सीआईएसएफ और अब सेना के एक जवान ने विडियो जारी करके उत्पीड़न की शिकायत की है। सेना के इस जवान का नाम लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह है। उन्होंने अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में दखल देने की मांग की है। देहरादून के 42 इन्फेन्ट्री ब्रिगेड में तैनात लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया पर अपनी विडियो जारी कर कहा है कि उन्होंने जून में प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, राष्ट्रपति एवं सुप्रीम कोर्ट को लिखा था। उनकी ब्रिगेड को पीएमओ की ओर से निर्देश दिए गए कि आरोपों की जांच की जाए। लेकिन इस मामले की जांच के बजाए अधिकारियों ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। और उनके खिलाफ ही जांच शुरू कर दी गई, जिसके तहत उनका कोर्ट मार्शल भी हो सकता है।

सिंह ने विडियो में कहा, मैंने पीएम को लिखी चिट्टी में कहा था कि सहायक के तौर पर काम करने वाले सैनिकों से बूट पाॅलिश नहीं करवाना चाहिए। हाल में बीएसएफ के जवान तेज बहादुर का एक विडियो वायरल हो गया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि जवानों को बेकार व घटिया दर्जे का खाना दिया जाता है और अधिकारी उनके राशन को बाजार में बेच देते हैं। वहीं, सीआरपीएफ के जवान का भी सोशल मीडिया पर एक विडियो सामने आया है। जिसमें जवान ने आरोप लगाया था कि एक जैसी डयूटी के बावजूद उनकी अनदेखी होती है और सेना के मुकाबले उन्हें बेहद कम सुविधाएं दी जाती हैं।