Jamiat became an example of humanity in disaster
प्रभावितों की आर्थिक मदद का किया ऐलान
मृतक के परिजनों से की मुलाक़ात
मृतक के बच्चों की शिक्षा का जिम्मा उठाएगी जमीअत
देहरादून। Jamiat became an example of humanity in disaster उत्तराखंड में आई हालिया भीषण आपदा ने जहां जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं जमीअत उलेमा-ए-हिंद उत्तराखंड ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि आपदाओं में इंसानियत की सबसे बड़ी ताक़त हमदर्दी और मदद होती है।
बुधवार को प्रदेश महासचिव मौलाना शराफत अली क़ासमी के नेतृत्व में जमीअत का एक प्रतिनिधिमंडल देहरादून के परवल, डालनवाला स्थित एमडीडीए कॉलोनी व अधोईवाला पहुंचा, जहां रिस्पना नदी में आई जल प्रलय ने लोगों के घरों और दुकानों को मलबे में तब्दील कर दिया। मौलाना शराफत ने प्रभावितों से मुलाक़ात कर उनके दर्द को न सिर्फ़ साझा किया, बल्कि हर संभव सहायता का भरोसा भी दिलाया।
एमडीडीए कॉलोनी में बिट्टू, इंद्रसैन और जफर के मकान गिर गये है, जमीअत इन तीनों की आर्थिक मदद करेगी। मीडिया से बात करते हुए मौलाना शराफत ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा पूरा प्रदेश इस समय एक भीषण त्रासदी से गुजर रहा है। कुदरत की इस मार ने कई लोगों की जिंदगियों को तहस-नहस कर दिया है।

हमारे लिए यह वक़्त केवल चिंता जताने का नहीं, बल्कि वास्तविक मदद पहुंचाने का है। जमीअत हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और हम अपने स्तर पर राहत कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि आपदा नियमों में संशोधन कर तत्काल राहत राशि वितरित की जाए ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द संबल मिल सके।
मौलाना शराफत अली क़ासमी ने केंद्र सरकार से उत्तराखंड को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि यह केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि मानवीय त्रासदी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों में तेज़ी लाई जाए और हर प्रभावित तक मदद पहुंचे।
इस मौके पर प्रदेश महासचिव मौलाना शराफत अली क़ासमी, प्रदेश उपाध्यक्ष मुफ्ति रईस अहमद कासमी, मौलाना मासूम कासमी, मुफ्ती तौफीक इलाही, मौलाना असद, मौलाना हारून, मौलाना आबाद, मौलाना अब्दुल सत्तार, मुफ़्ती शम्सुल हुदा, मुफ्ती तज़ीम, मौलाना शाहिद हुसैन मौलाना अब्दुल वाहिद, मौलाना गुलशेर, मौलाना अब्दुल मन्नान कासमी, मास्टर अब्दुल सत्तार, मुफ्ति अयाज़ अहमद, मौलाना रागिब मजाहिरी, मौलाना उमर, मौलाना नदीम अहमद, मौहम्मद इकराम, मौलान शुएब, जाकिर अंसारी, कारी कारी मुकीम आलम व मौहम्मद शाह नज़र आदि मौजूद रहे।
मृतकों के परिजनों से मिलकर दी श्रद्धांजलि
प्रतिनिधिमंडल ने आपदा में जान गंवाने वाले परवल के फरमान के घर पहुंचकर शोक संवेदनाएं प्रकट कीं। जमीअत के प्रदेश उपध्यक्ष मुफ्ति रईस ने पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाते हुए कहा, आप अकेले नहीं हैं। जमीअत उलेमा-ए-हिंद आपके साथ है। आपके दुख को हम अपना दुख समझते हैं। अल्लाह सबको इस कठिन घड़ी से बाहर निकाले। जमीअत (आ) व जमीअत (एम) ने मृतक की विधवा को 25 हजार की नकद मदद की और बच्चों की शिक्षा का जिम्मा उठाने का ऐलान किया।
संवेदना से सेवा तक, जमीअत का संकल्प
जमीअत उलेमा-ए-हिंद उत्तराखंड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका उद्देश्य केवल बयानबाज़ी नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर काम करना है। मौलाना शराफत के नेतृत्व में संगठन लगातार राशन, कपड़े, दवाइयां, और आर्थिक सहायता जैसी ज़रूरतों की आपूर्ति में जुटा है। यदि कोई व्यक्ति या संस्था पीड़ितों की मदद करना चाहती है, तो वह जमीअत से संपर्क कर राहत कार्यों में सहभागी बन सकता है।
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