क्या अधिकारी समझते हैं शपथ पत्र का महत्व

Importance of affidavit

Importance of affidavit

देहरादून । Importance of affidavit  आइए आपको बताते हैं आखिर किसी भी अधिकारी या कार्यालय में अधिकारी के समक्ष शपथ पत्र क्यों प्रस्तुत किया जाता है? आखिर किन कारणो से कोर्ट , जिलाधिकारी, एसडीएम कार्यालय व्यक्तियों से हलफनामा या शपथ पत्र मांगता है।

हलफनामा देना किसी कार्यालय में इस बात का प्रमाण होता है, कि जो व्यक्ति हलफनामा दे रहा है वह अधिकारी/कार्यालय में प्रस्तुत पत्रावली या अपने कथन को प्रमाणित करता है कि वह सत्य है।

वह वचनबद्ध होता है कि उसके द्वारा प्रस्तुत किए गए पत्रावली या व्यक्त किया गया कथन सत्य है, यदि उसके द्वारा प्रस्तुत किए गए पत्रावली/कथन गलत पाए जाते हैं, तब वह सजा का पात्र रहेगा, किंतु आए दिन देखने को मिलता है कि सरकारी कार्यालय और न्याय व्यवस्था में प्रस्तुत किए गए हलफनामे/शपथ पत्र की सत्यता को जानने की कोई भी व्यवस्था नहीं की जाती|

जिससे यह प्रकाश में आया है कि न्यायालयों में प्रस्तुत शपथ पत्र अथवा कार्यालय में प्रस्तुत शपथ पत्र असत्य झूठे पाए जाने के बावजूद भी अधिकारी शपथ पत्र देने वाले किसी भी व्यक्ति पर कार्यवाही से बचते हैं।

शपथ पत्र (affidavit) की जांच तक नहीं की जाती

ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि शपथ पत्र देने के बाद शपथ पत्र की जांच तक नहीं की जाती कि शपथ पत्र देने वाले व्यक्ति ने जो शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, क्या वह वास्तव में सत्य है। इस तरह की कृत्य तमाम कार्यालयों में पाए जाते रहे हैं|

अधिकारियों के संज्ञान में आने के बावजूद भी अधिकारी अपने कर्तव्य के निर्वहन से बचते नजर आते हैं। कभी भी इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया जिसमें अधिकारी ने शपथ पत्र की जांच कराई हो और झूठे शपथ पत्र देने के वाले के विरुद्ध कार्यवाही की हो।

यहां तक की जब किसी अधिकारी के संज्ञान में यह लाया जाता है कि आपके कार्यालय में प्रस्तुत शपथ पत्र फर्जी या झूठा है उस स्थिति में भी अधिकारी संज्ञान लेने के से बचते नजर आते हैं, जबकि कानून में प्रावधान है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा दिया गया झूठा शपथ पत्र उसकी सजा का कारण बन सकता है।

अधिकारी को चाहिए कि स्वयं ही यह सुनिश्चित करे की किसी व्यक्ति द्वारा दिया गया शपथ पत्र (affidavit) यदि झूठा है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

कानून में श्वेता संज्ञान लेने का प्रावधान दिया गया है जिसका उपयोग अधिकारी कर सकता है, किंतु अक्सर देखने को मिला है कि अधिकारी के संज्ञान में आने के बावजूद भी किसी भी कार्यालय से आज तक झूठे शपथ पत्र की एवज में किसी को भी सजा नहीं दी गई, ऐसे मामलों में अधिकारी किसी भी तरह के एक्शन से बचते नजर आते हैं। ताजा मामला चुनाव से संबंधित ही बता देते हैं।

न्यायालय या थाने में किसी तरह का आपराधिक मामला दर्ज नहीं

हाल ही में पंचायत चुनाव संपन्न हुए हैं जिसमें नामांकन के दौरान कई तरह के शपथ पत्र प्रस्तुत किए गए, जिसमें उसकी संपत्ति के ब्योरे से लेकर उसके जाति प्रमाण से लेकर एवं उस पर किसी तरह का कोई ग्राम सभा में कब्जा ना होने का प्रमाण पत्र भी सम्मिलित है या इस तरह की शपथ पत्र जिसमें यह कहा गया है कि उनके विरुद्ध किसी भी न्यायालय या थाने में किसी तरह का आपराधिक मामला दर्ज नहीं।

अब देखने वाली बात यह है कि क्या अधिकारी उन सभी शपथ पत्रों का संज्ञान लेते हुए उन पर जांच करेंगे अथवा कार्यवाही करेंगे या नहीं। अधिकारी से शिकायत का इंतजार करते नजर आएंगे की किस व्यक्ति के विरुद्ध शिकायत की गई है उसका राजनीतिक प्रभाव कितना है, उस पर कार्यवाही की जाए या नहीं।

हमारे द्वारा विभिन्न कार्यालयों में जाकर इस तरह के शपथ पत्र (affidavit) देने वाले व्यक्तियों के का ब्यौरा अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाएगा। आने वाले समय में यह देखना को उपलब्ध कराया जाएगा? देखना होगा कि अधिकारी अपने कर्तव्य के प्रति कितने निष्ठावान हैं।

शहजाद अली

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