आपदा से जल विद्युत परियोजनाएं बंद

Hydropower projects closed in Disaster
फाईल फोटो

Hydropower projects closed in Disaster

रोज हो रहा 120 लाख यूनिट का नुकसान

देहरादून। Hydropower projects closed in Disaster उत्तरकाशी के मोरी तहसील में बादल फटने के आई आपदा से टौंस और यमुना नदी में उफान आने की वजह से राज्य की 5 जल विद्युत परियोजनाओं को बंद करना पड़ा है। इसकी वजह से प्रदेश को रोज 120 लाख यूनिट का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

जाहिर तौर पर विद्युत उत्पादन घटने की वजह से इसकी आपूर्ति भी प्रभावित हुई और विद्युत विभाग को अब तक करोड़ों रुपये का नुकघ्सान हो चुका है। हालात सामान्य होने में अभी समय लग सकता है।

मोरी में बादल फटने की वजह से टौंस और यमुना नदी पर स्थित 5 बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं को बंद करना पड़ा। जिससे रोज 12 मिलियन यूनिट का नुकघ्सान राज्य को हो रहा है।

दरअसल टौंस और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ने की वजह से पानी में सिल्ट की मात्रा बढ़ गई है। इसके चलते 240 मेगावाट की छिबरो, 120 मेगावाट की खोदरी, 51 मेगावाट की ढालीपुर, 33.75 मेगावाट के ढकरानी और 30 मेगावाट की कुल्हाल जल विद्युत परियोजनाओं का उत्पादन ठप हो गया है।

इस मामले में यूजेवीएनएल के एमडी एसएन वर्मा का कहना हे कि  जब भी इस तरह की बाढ़ जैसी स्थिति होती है तो उसमें मलबा बहुत बढ़ जाता है और मशीनों को चलाना सुरक्षित नहीं रहता।

उत्पादन करने के सिल्ट कम होने का इंतजार

वर्मा के अनुसार 3000 पीपीएम तक सिल्ट के साथ मशीनें चल सकती हैं और अभी यह 11000 पीपीएम तक बढ़ गया है। अब फिर से उत्पादन करने के सिल्ट कम होने का इंतजार करना होगा।

मोरी तहसील के करीब 52 गांव में भी बिजली आपूर्ति अब भी ठप पड़ी है और अगले 10 दिन में इसे सुचारु होने की उम्मीद भी नहीं है।

इस आपदा से विद्युत आपूर्ति करने वाले निगम यूपीसीएल को करीब 2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मोरी तहसील में 33 किलोवाट की 26 किलोमीटर और 11,000 किलोवाट की 18 किलोमीटर की लाइनें ध्वस्त हो गई हैं। इसके अलावा 8 बड़े ट्रांसफार्मर्स को भी नुकसान पहंचा है।

यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा कहते हैं कि इलाके में बिजली आपूर्ति की कोशिशें की जा रही हैं। त्यूणी और आराकोट बेस स्टेशन में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है और प्रभावित गांवों तक भी जल्द ही बिजली पहुंचाने की कोशिशें जारी हैं।

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