नई दिल्ली। सस्ती आवास योजना के प्रवर्तकों हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में घोषित लाभ-संबद्ध आयकर छूट योजना को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए संसद में आम बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को उक्त योजना में कई महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए। जेटली ने बताया कि 30 एवं 60 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र की बजाय अब 30 एवं 60 वर्ग मीटर कार्पाेट क्षेत्र की गणना की जाएगी। 30 वर्ग मीटर की सीमा भी सिर्फ 4 मेट्रो शहरों की नगरपालिका सीमाओं के मामले में लागू होगी, जबकि मेट्रो के बाह्य परिधीय क्षेत्रों समेत देश के बाकि क्षेत्रों के लिए 60 वर्ग मीटर की सीमा ही लागू होगी।
वित्त मंत्री ने इस योजना के तहत कार्य प्रारंभ होने के बाद भवन निर्माण को पूरा करने की अवधि को मौजूदा तीन साल से बढ़ाकर 5 साल करने का भी प्रस्ताव किया। वर्तमान में पूर्णता प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद कब्जा न लिए गए मकान नोशनल किराया आय पर कर के दायरे में हैं।
अब बिल्डरों के लिए नोशनल किराया आय पर कर की गणना पूर्णता प्रमाणपत्र जारी होने के एक साल के बाद ही की जाएगी। जेटली ने भूमि और इमारत के संबंध में पूंजीगत लाभ कराधान उपबंधों में अनेक परिवर्तन करने का प्रस्ताव दिया। अचल संपत्ति से लाभ पर विचार करने के लिए धारण अवधि को मौजूदा तीन साल से घटाकर दो साल करने समेत अचल संपत्ति सहित आस्तियों की सभी श्रेणियों के लिए सूचीकरण के लिए आधार वर्ष भी 1.4.1981 से बदलकर 1.4.2001 किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। बिना भूमि अधिग्रहण अधिनियम के भूमि पूलिंग व्यवस्था द्वारा विकसित की जा रही आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 02.06.2014 तक भू-मालिकों को पूंजी लाभ कर से छूट देने का प्रस्ताव किया।