बड़ी रेल दुर्घटना का इतिहास

वर्ष 1981 रहा ट्रेन हादसों का साल, बिहार मे हुई थी विश्व की दूसरी सबसे बड़ी रेल दुर्घटना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानपुर के निकट पुखराया रेलवे स्टेशन के पास रविवार भोर में हुई रेल दुर्घटना ने वर्ष 1981 में बिहार मे हुई विश्व की दूसरी सबसे बड़ी रेल दुर्घटना की याद ताजा कर दी है। इस हादसे में ट्रेन की नौ में से सात बोगियां नदी में गिर गयी थीं। करीब 800 लोगों की मौत और 1000 से अधिक घायल हुए थे। उस समय वर्ष 1981 को ट्रेन दुर्घटनाओं का साल माना गया था। प्राप्त आकड़ों के अनुसार जनवरी से सितंबर 1981 तक आठ महीनों में ही 526 ट्रेन हादसे हुए थे।

भारतीय रेलवे के इतिहास में साल 2012 भी हादसों के मामले से सबसे बुरे सालों में से एक रहा। इस साल लगभग 14 रेल हादसे हुए। वैसे दुनिया की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना श्रीलंका में वर्ष 2004 में हुई थी, जब सुनामी की तेज लहरों में एक पूरी ट्रेन गायब हो गई थी। उस हादसे में 1,700 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। देश में अब तक हुए बड़े ट्रेन हादसे 1- वर्ष 2015 में 21 मार्च को उप्र में बछरावा स्टेशन के देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 46 लोग मारे गए थे और करीब 150 घायल हुए थे। 2-वर्ष 2015 में 13 फरवरी को बेंगलुरू से एर्नाकुलम जा रही एक एक्सप्रेस ट्रेन की आठ बोगियां होसुर के समीप पटरी से उतर गईं। इसमें दस लोगों की मौत हो गयी। 3- वर्ष 2015 में ही चार और पांच अगस्त की रात को हरदा के पास कामायनी एक्सप्रेस और जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई। इस हादसे में 29 यात्रियों की मौत हो गई थी। 4-एक अक्टूबर 2014 को गोरखपुर के पास कृषक एक्सप्रेस और लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस के बीच टक्कर में 12 लोग मारे गए। 5-16 दिसंबर 2014 को बिहार में नवादा जिले के वारिसलीगंज रेलवे स्टेशन के समीप एक मानव रहित रेलवे क्राॅसिंग पर एक एक्सप्रेस ट्रेन से एक बोलेरो की टक्कर में पांच लोगों की मौत हो गई।

6- वर्ष 2014 में चार मई को दिवा सावंतवादी पैसेंजर ट्रेन नागोठाने और रोहा स्टेशन के बीच पटरी से उतर गई थी। इसमें 20 लोगों की जान गई थी और 100 अन्य घायल हुए थे। 7-वर्ष 2013 में 28 दिसंबर को बेंगलूरु-नांदेड़ एक्सप्रेस ट्रेन में आग लग गई थी और इसमें 26 लोग मारे गए थे। आग एयर कंडिशन कोच में लगी थी। 8-वर्ष 2013 में ही 19 अगस्त को राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से बिहार के खगड़िया जिले में 28 लोगों की जान चली गई थी। 9-वर्ष 2012 के जनवरी में दिल्ली जा रही ब्रह्मपुत्र मेल और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर में पांच लोगों की मौत हो गई थी। 10-22 मई 2012 को बेंगलुरू जा रही हम्पी एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में एक मालगाड़ी से टकरा गई। इस हादसे में 25 लोग मारे गए थे। 11-31 मई 2012 को हावड़ा से देहरादून जा रही दून एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में जौनपुर के निकट पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी। 12-30 जुलाई 2012 को दिल्ली से चेन्नई जा रही तमिलनाडु एक्सप्रेस की एक बोगी में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के समीप आग लग जाने से कम से कम 35 यात्री जिंदा जल गए थे। 13-वर्ष 2011 में 07 जुलाई को उत्तर प्रदेश में ट्रेन और बस की टक्कर में 38 लोगों की मौत हो गई थी। 14- 20 सितंबर 2010 को मध्य प्रदेश के शिवपुरी में ग्वालियर इंटरसिटी एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर में 33 लोगों की जान चली गई और 160 से ज्यादा लोग घायल हुए। 15- 19 जुलाई 2010 को पश्चिम बंगाल में उत्तर बंग एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस की टक्कर हुई। इसमें 62 लोगों की मौत हुई और डेढ़ सौ से ज्यादा घायल हुए। 16-वर्ष 2010 में ही 28 मई को पश्चिम बंगाल में संदिग्ध नक्सली हमले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतरी। इस हादसे में 170 लोगों की मौत हो गई। 17-21 अक्तूबर, 2009 को उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड़ एक्सप्रेस की आखिरी बोगी से टकरा गया। इस दुर्घटना में 22 यात्रियों की मौत हुई जबकि 23 अन्य घायल हुए। 18-14 पफरवरी 2009 को रेल बजट के ही दिन हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे ओडिशा में जाजपुर रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गए। इस हादसे में 16 की मौत हो गई और 50 घायल हुए। 19-2008 के अगस्त माह में सिकंदराबाद से काकिनाडा जा रही गौतमी एक्सप्रेस में देर रात आग लगी।

इसके कारण 32 लोग मारे गए और कई घायल हुए। 20-वर्ष 2005 में 21 अप्रैल को गुजरात में वडोदरा के पास साबरमती एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 78 अन्य घायल हो गए। 21-पफरवरी 2005 में महाराष्ट्र में एक रेलगाड़ी और ट्रैक्टर-ट्राॅली की टक्कर में कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई थी और इतने ही घायल हुए थे। 22-जून 2003 में महाराष्ट्र में हुई रेल दुर्घटना में 51 लोग मारे गए थे और अनेक घायल हुए। 23-वर्ष 2003 के जुलाई माह में आंध्र प्रदेश में हैदराबाद से 120 किलोमीटर दूर वारंगल में गोलकुंडा एक्सप्रेस के दो डिब्बे और इंजन एक ओवरब्रिज से नीचे सड़क पर जा गिरे। इस दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हुई। 24-वर्ष 2003 में ही 15 मई को पंजाब में लुधियाना के नजदीक Úंटियर मेल में आग लगी। इस हादसे में 38 से अधिक लोगों के मरने की खबर रही। 25-साल 2002 में 9 सितंबर को हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई। इसमें 120 लोग मारे गए। 26- वर्ष 2001 में 22 जून को मंगलोर-चेन्नई मेल केरल की कडलुंडी नदी में जा गिरी। इसमें 59 लोग मारे गए। 27-साल 2001 में 31 मई को उत्तर प्रदेश में एक रेलवे क्राॅसिंग पर खड़ी बस से ट्रेन जा टकराई। इसमें 31 लोग मारे गए। 28-वर्ष 2000 में 2 दिसंबर को कोलकाता से अमृतसर जा रही हावड़ा मेल दिल्ली जा रही एक मालगाड़ी से टकराई। 44 की मौत और 140 घायल।

29-वर्ष 1999 में 3 अगस्त को दिल्ली जा रही ब्र“पुत्र मेल अवध-असम एक्सप्रेस से गैसल, पश्चिम बंगाल मे टकराई। इसमें 285 की मौत और 312 घायल। 30-साल 1998 में 26 नवंबर को Úंटियर मेल सियालदाह एक्सप्रेस से खन्ना, पंजाब में टकराई। इसमें 108 की मौत और 120 लोग घायल। 31-वर्ष 1997 में 14 सितंबर को अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में एक नदी में जा गिरी। हादसे में 81 की मौत, 100 घायल। 32-वर्ष 1996 में 18 अप्रैल को एर्नाकुलम एक्सप्रेस दक्षिण केरल में एक बस से टकराई। इसमें 35 की मौत, 50 घायल हुए। 33-वर्ष 1995 में 20 अगस्त को नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस और कालिंदी एक्सप्रेस के बीच उप्र के पिफरोजाबाद में भीषण टक्कर होने से 250 लोगों की मौत, 250 घायल। 34-वर्ष 1993 में 21 दिसंबर को कोटा-बीना एक्सप्रेस मालगाड़ी से राजस्थान में टकराई। 71 की मौत और अनेक घायल। 35-वर्ष 1990 में 16 अप्रैल को पटना के पास रेल में आग लगने से 70 लोगों की मौत। 36-वर्ष 1985 में 23 पफरवरी को राजनांदगाँव में एक यात्री गाड़ी के दो डिब्बों में आग लगी। 50 की मौत और अनेक घायल।