Harish rawat made a scathing attack on BJP-RSS
- कहा, उनकी छवि को हिन्दू भाइयों की नज़र में गिराने की साजिश रची जा रही
- इंसानियत के पक्ष में उठाई गई उनकी आवाज़ को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा
देहरादून। Harish rawat made a scathing attack on BJP-RSS हमेशा अपने बयानों और उत्तराखण्डी व्यंजनों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ट नेता हरीश रावत आज कल अपने एक बयान को लेकर चर्चा का विषय बने हुए है। हरीश रावत की एक पोस्ट को गलत तरीके के कट-पेश कर वायरल कर दिया गया, जिसके बाद रविवार को हरीश रावत ने कहा कि, आरएसएस और भाजपा के नीतिकारों का ध्यान मेरी ओर कुछ ज्यादा ही जा रहा है।
पहले झूठ-सफेद झूठ बोलकर और अब इंसानियत के पक्ष में उठाई गई मेरी आवाज को लेकर मुझे हिन्दू भाईयों की नजर में गिराने का प्रयास करते हुये धाकड़ धामी सहित न जाने कितने धाकड़-भाकड़ मेरे बयानों को ट्रोल किया करते हैं। इधर आरएसएस के नेता इन्द्रेश कुमार जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच और उनसे जुड़े हुये मुस्लिमों ने भी मेरे लिये भ्रम पैदा करने और गलत बातें फैलाने का काम प्रारम्भ कर दिया। थैंक्यू इंद्रेश जी।
आजकल मुस्लिम भाइयों में कुछ ऐसे लोग खड़े कर दिये हैं जो अब देश में सेकुलर लोगों को ऐसे फर्जिया-सर्जिया पोर्टलों से धर्म निरपेक्ष नेताओं के खिलाफ मुस्लिम भाईयों में भ्रम पैदा करें। लेकिन याद रखिये काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है। भाजपा व आरएसएस ने दो बार झूठ बोलकर हमको हरा भले ही दिया है, मगर हम गांधी-नेहरू के बताये हुये रास्ते से कभी विचलित नहीं होंगे। आप किराये के किसी पोर्टल से मुस्लिम भाइयों में हमारे खिलाफ भ्रम नहीं फैला सकते हैं। सारा राज्य जानता है मैं एक धर्मपारायण सर्वधर्म सम्भावी राजनैतिक कायकर्ता हॅू।
युद्धविराम का निर्णय किस स्तर पर हुआ?
देहरादून। हरीश रावत ने वायुसेना अध्यक्ष के हालिया बयान पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वायुसेना प्रमुख ने खुलासा किया कि पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट और एक बड़ा विमान (एफ16) मार गिराया गया, मगर यह जानकारी न तो संसद में आई और न ही प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री ने इसका जिक्र किया। रावत ने सवाल किया कि युद्धविराम का निर्णय केवल डीजीएमओ स्तर पर नहीं हो सकता, तो फिर किस उच्च स्तर पर पाकिस्तान के अनुरोध को स्वीकार किया गया? उन्होंने कहा, वायुसेना अध्यक्ष के बयान से सिद्ध होता है कि विपक्ष के सवाल सही थे और आज भी प्रासंगिक हैं।
जंगली जानवरों से किसानों को बचाने के लिए खुले मन से कदम उठाएः रावत
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वन विभाग के हालिया आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि सूअर और वनरोज मारने की अनुमति सही दिशा में कदम है, लेकिन इसमें लगी अव्यावहारिक शर्तों को तुरंत हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उनकी सरकार के समय जारी आदेशों को रद्द कर दिया, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ। रावत ने दावा किया कि पहाड़ों में पलायन के बड़े कारणों में बंदर, सूअर, लंगूर और गुलदार भी हैं, जिन पर उनकी सरकार ने नियंत्रण की योजनाएं चलाई थीं। उन्होंने कहा, अब जो कुछ बचा है, उसे बचाना है तो वन विभाग को पूरी छूट देनी होगी।
फिलिस्तीन पर चुप्पी, मानवता की हत्याः रावत
देहरादून। फिलिस्तीन में हो रही हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए हरीश रावत ने कहा कि वहां निरीह बच्चे, महिलाएं और वृद्ध भूख और गोलियों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, मानवता का कोई धर्म नहीं होता, वह अपने आप में धर्म है और आज मानवता की हत्या हो रही है।
रावत ने आरोप लगाया कि ट्रंप टैरिफ की राजनीति में उलझे हैं और मोदी सरकार इसमें अवसर खोज रही है। उन्होंने सवाल किया, यदि भारत मानवता के साथ नहीं खड़ा होगा, तो फिर कौन खड़ा होगा?
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