देहरादून। Harish rawat and Baba Kedarnath पीएम नरेंद्र मोदी के बाद अब कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत केदारनाथ धाम जा रहे हैं। हालांकि वहां पर उनका किसी साधना का इरादा नहीं है, न ही वह ध्यान गुफा में जाने के इच्छुक हैं।
पूर्व सीएम हरीश रावत बस केदार बाबा से ये पूछना चाहते हैं कि कांग्रेस को कौन सी सजा मिल रही है। वैसे, हरीश रावत सोमवार को ही केदारनाथ के लिए निकलने की तैयारी में थे, लेकिन अब कुछ दिनों बाद वहां के लिए कार्यक्रम तय करेंगे।
हरीश रावत के अनुसार भाजपा शासनकाल में यह जरूर हुआ है कि ध्यान गुफा को ठीक कर दिया गया है, हालांकि वहां तक जाने का रास्ता उनकी सरकार ने बनवाया था। रावत ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के परिसर को चौड़ा करने का काम जरूर भाजपा सरकार ने किया है।
पुनर्निर्माण के नाम पर छोटे छोटे दुकानदारों को उजाड़ दिया गया है। रावत ने जोर देकर कहा कि उनकी इच्छा समाधिस्थल के निर्माण कार्य को लेकर जरूर है। इस काम को शंकराचार्य की अनुमति से ही आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
रोड मैप को तैयार किया जा रहा
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत का कहना है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में तय किया गया है कि हार से उपजी स्थिति में जल्द ही पार्टी का रोड मैप सामने लाया जाएगा। किस राह पर आगे बढ़ना है, हाईकमान यह मार्गदर्शन देगा। इस रोड मैप को तैयार किया जा रहा है।
इसका सबको इंतजार है। रावत ने कहा कि कांग्रेस अपने बुनियादी सिद्धांतों से अलग हुए बगैर इस स्थिति का सामना करेगी और प्रतिकूल स्थितियों का तोड़ निकालेगी। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में मोदी ने अपने राष्ट्रवाद की ब्रांडिंग की और जीत के लिए इसे इस्तेमाल किया।
इस रोड मैप को तैयार किया जा रहा है। इसका सबको इंतजार है। रावत ने कहा कि कांग्रेस अपने बुनियादी सिद्धांतों से अलग हुए बगैर इस स्थिति का सामना करेगी और प्रतिकूल स्थितियों का तोड़ निकालेगी। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में मोदी ने अपने राष्ट्रवाद की ब्रांडिंग की और जीत के लिए इसे इस्तेमाल किया।