इस जिले में रचा विश्व कीर्तिमान, 114 दिव्यांग जोड़े की हुई सामूहिक शादी

Betul

बैतूल। बैतूल जिले ने आज विश्व कीर्तिमान रच दिया। मौका था 114 दिव्यांग जोड़े का दाम्पत्य सूत्र बंधन में बंधने का। इससे पहले दिव्यांग विवाह सम्मेलन का वर्ल्ड रिकॉर्ड उज्जैन जिले के पास था जहाँ 107 दिव्यांग जोड़े परिणय सूत्र में बंधे थे लेकिन बैतूल जिला प्रशासन ने 114 दिव्यांग जोड़े की शादी कर वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। प्रोजेक्ट मिलन के तहत आयोजित इस दिव्यांग सामूहिक विवाह सम्मेलन आज कुल आज 228 युवक-युवतियों की बैतुल में पुरे रीति रिवाजो के साथ शादी संपन्न हुई । रविवार को मंगल कार्यक्रम का आयोजन बैतूल के पुलिस परेड ग्राउण्ड में हुआ। दिव्यांग वर जैन दादावाड़ी से अपनी जीवन संगिनी चुनने के लिए गाजे-बाजे के साथ निकले।

लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम से दिव्यांगों की बारात को समारोह का स्वरूप दिया गया। बारात पूर्वान्ह 11 बजे पुलिस परेड ग्राउण्ड पहुंची, जहां उनकी जीवन संगिनियां इंतजार कर रही थी। कलेक्टर शशांक मिश्र ने बताया कि विगत माहों में जिले में दिव्यांग युवक और युवतियों को अपना जीवन साथी चुनने का मौका देने के लिए खण्ड स्तर पर परिचय सम्मेलन का आयोजन हुआ। इन परिचय सम्मेलनों में जिले के दिव्यांग युवक और युवतियों को जीवन साथी के रूप में स्थानीय के अलावा दिल्ली, भोपाल और नागपुर जैसे महानगरों के युवक-युवतियों को भी चुनने का अवसर मिला और अब वे दाम्पत्य सूत्र में आज बंध गए।

उन्होंने बताया कि दिव्यांग 228 युवक-युवतियों में 128 अनुसूचित जनजाति, 30 अनुसूचित जाति, 67 अन्य पिछड़ा वर्ग एवं तीन सामान्य वर्ग से थे। पांच मामले ऐसे थे जिनमें यह दिव्यांग अंतर्जातीय विवाह हुआ। इन 228 युवक-युवतियों में से 14 श्रवण बाधित, 114 अस्थि बाधित, चार मानसिक मंद, तीन दृष्टि बाधित, 18 अल्प दृष्टि बाधित थे। यह सराहनीय है कि इन युवक-युवतियों को चुनने के लिए 75 सामान्य स्वास्थ्य वाले युवक-युवती भी आगे आए। बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि ये बैतुल जिले के लिए गौरव की बात है कि जिला प्रशासन ने दिव्यांग विवाह सम्मेलन का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है और वो भी व्यवस्थित तरीके से।

अभी तक सर्वाधिक 101 दिव्यांग जोड़ों के सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजन उज्जैन में हुआ है। बैतूल का सामूहिक विवाह इस रिकार्ड को तोड़ कर 114 दिव्यांग जोड़ों को परिणय सूत्र में बंधे। इस महत्वपूर्ण आयोजन को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करने के लिए एक टीम बैतूल पहुंची थी जिसने सामूहिक विवाह आयोजन के समस्त पहलुओं का अध्ययन कर वर्ड रिकार्ड में बैतूल का नाम दर्ज कर लिया है और एक प्रमाण पत्र भी जिला प्रशासन को सौपा है।