जय गुरुदेव के समागम में भगदड़, 19 की मौत, सैकड़ों घायल

वाराणसी। बाबा जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी पंकज महाराज द्वारा गंगा पार कटेसर में सत्संग का आयोजन में शामिह होने जा रहे भक्तों में भगदड़ मच गई। इसमें भाग लेने पैदल जा रहे हजारों लोग राजघाट स्थित गंगा पुल पर अव्घ्यवस्घ्था का शिकार हो गए। अब तक 19 लोगों के मरने की खबर बताई जा रही है, जिनमें से 15 महिलाएं और 4 पुरुष बताए जा रहे हैं। राहत कार्य के लिए भेजी गई एंबुलेंस भी ट्रैफिक में पफंसने से मौके पर नहीं पहुंच सकी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि एंबुलेंस समय पर पहुंच जाती तो कुछ लोगों को बचाया जा सकता था। मंडलीय अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक एससी सिंह ने अस्पताल की इमरजेंसी को किया अलर्ट। घायलों को रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्घ्त्री अस्घ्पताल भी ले जाया गया है। कई एंबुलेंस व डाक्टरों की टीम के साथ राजघाट पुल पर पहुंचे मुख्घ्य चिकित्घ्साधिकारी। बाबा के भक्तों की वजह से पूरा शहर जाम की चपेट में आ गया है।
यह तस्वीर राजघाट गंगा पुल की है, जहां अव्यवस्घ्था के कारण गिरे लोग दिख रहे हैं। इनमें से कुछ बेहोश, तो कुछ मृत हैं। आयोजकों ने 20 लाख की भीड़ का किया था दावा। राजघाट के पास बीच रास्ते से श्रद्धालुओं को लौटाए जाने से भगदड़ मची। सभी शव रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्घ्पताल में पहुंचाए जा रहे हैं। बताया जा रहा कि पूरे कार्यक्रम को लेकर कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई थी। पूरे शहर में हजारों हजार लोग जत्घ्थों की शक्घ्ल में घूम रहे थे। उन्हें गंगा के उस पार सत्घ्संग स्घ्थल पर जाना था। ऐसे में गंगा पार करने के लिए महज दो ही पुल थे। पहला, राजघाट पुल और दूसरा विश्घ्वसुंदरी पुल। राजघाट पुल से कार्यक्रम स्थल नजदीक था, लिहाजा भीड़ का दबाव इस पुल पर बढ़ता गया। अंग्रेजों के जमाने का बना राजघाट पुल, डफरिन ब्रिज और मालवीय पुल के नाम से भी जाना जाता है। इसके एक ओर बनारस है तो दूसरे सिरे पर है चंदौली जिला। भीड़ के भारी दबाव को इस पुल पर नियंत्रित करने के लिए प्रशासनिक व पुलिस अपफसरों के पास कोई ठोस प्लान नहीं था। भक्तों में बुजुर्गों व महिलाओं की संख्या ज्यादा होने से एक बार हुई भगदड़, अंततः बेकाबू हो गई।