उत्तराखण्ड में बनेगा 50 किमी लम्बा चार लेन का राजमार्ग

Four lane highway
उत्तराखण्ड में बनेगा 50 किमी लम्बा चार लेन का राजमार्ग Four lane highway

Four lane highway

देहरादून । आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत नवरत्न सीपीएसई, एनबीसीसी (इण्डिया) लिमिटेड ने सड़क निर्माण क्षेत्र में अपने कारोबार के विस्तार की शुरूआत की है। इसी संदर्भमें आज योगेशजेपी शर्मा, कार्यकारी निदेशक (इंजीनियरिंग), एनबीसीसी तथा अनूपमलिक, मैनेजिंग डायरेक्टर, इकोटूरिज़्म कोरपोरेशन आॅफ उत्तराखण्ड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत उत्तराखण्ड राज्य में कोटद्वार-रामनगरकंडी रोड़ के पास इको-टूरिज़्म सर्किट का निर्माण किया जाएगा।

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इस मौके पर हरक सिंह रावत वनमंत्री उत्तराखण्ड भी मौजूद थे। 50 किलोमीटर की चार लेन वाली राजमार्ग परियोजना आंशिक रूप से सीधी सड़क तथा आंशिक रूप से एलीवेटेड सड़क (फ्लाईओवर/पुल की तरह) होगी, जिसके नीचे से जंगली जानवरों की मुक्त आवाजाही आसानी से हो सकेगी। परियोजना का विकास ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर/ ग्रीन रोड माॅडल केे तहत किया जाएगा और इसकी अनुमानित लागत रु 2000 करोड़ होगी।वन्यजीव संस्थान, देहरादून परियोजना की पारिस्थितिक योजना के लिए एनबीसीसी का साझेदार संस्थान होगा, यह योजना सैटेलाईट डेटा के माध्यम से तैयार की जाएगी।

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एनबीसीसी हमेशा नए सेक्टरों में विकास के अवसर तलाशती रही

डाॅ अनूप कुमार मित्तल, चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेशक ने कहा कि एनबीसीसी हमेशा से मौजूदा एवं नए सेक्टरों में विकास के अवसर तलाशती रही है। वर्तमान में सरकार सड़कों एवं राजमार्गों के निर्माण पर ज़ोर दे रही है, ऐसे में इस क्षेत्र में हमारे लिए अपार अवसर मौजूद हैं। एनबीसीसी उड़ीसा, बिहार, पश्चिमी बंगाल और त्रिपुरा में सरकार की मुख्य परियोजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की साझेदार भी है, जहां यह ग्रामीण सड़कों का निर्माण कर रही है। जिम कोरबेट नेशनल पार्क, गढ़वाल और कुमाऊँ मंडल से निकलने वाली कोटद्वार-रामनगर कंडी रोड आपस में जुड़ी होगी और इस के चलते देहरादून से कोटद्वार, कलागढ़ एवं रामनगर की दूरी बेहद कम हो जाएगी।

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नेशनल पार्क से होकर गुज़रनेवाली सड़क इस परियोजना का चुनौती पूर्ण पहलू है क्योंकि इसमें वन्यजीवन संरक्षण पर ध्यान देते हुए पारिस्थितिक संतुलन को सुनिश्चित करना होगा।कंपनी हरित प्रक्रियाओं द्वारा इस परियोजना को अंजाम देगी। परियोजना के दायरे में अन्य सम्बद्ध सेवाएं भी शामिल हैं जैसे रख रखाव, सार्वजनिक सुविधाओं की साईट्स आदि। देश भर में तीव्र शहरीकरण के चलते नवरत्न सीपीएसई विभिन्न क्षेत्रों में 35.28 मिलियन वर्गफीट परियोजनाओं का विकास कर रही है और इस के पास 85000 करोड़ रु से अधिक के बकाया आॅर्डर हैं।

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