छत्तीसगढ़ को मिली कई बड़ी सौगात, जानिए क्या?

रायपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के अवसर पर नया रायपुर के अपने संक्षिप्त प्रवास के दौरान प्रदेशवासियों को अनेक बड़ी और महत्वपूर्ण सौगातें दी। उन्होंने नया रायपुर में जंगल सफारी, बस रेपिड ट्रांजिट सिस्टम, एकात्म पथ का लोकार्पण और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया।  मोदी ने पांच दिवसीय राज्योत्सव का शुभारंभ करते हुए प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने छत्तीसगढ़ सहित देश भर के लाखों करोड़ों किसानों के खेतों में सौर ऊर्जा से पानी पहुंचाने के लिए ’सौर सुजला योजना’ का भी शुभारंभ किया।
इसके अंतर्गत आकर्षक अनुदान पर किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले सिंचाई पम्प दिए जाएंगे। राज्योत्सव के शुभारंभ समारोह में राज्यपाल बलरामजी दास टंडन और मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह सहित प्रदेश सरकार के मंत्रीगण, छत्तीसगढ़ के अनेक लोकसभा और राज्यसभा सांसद, विधायकगण तथा बड़ी संख्या में अन्य जनप्रतिनिधि, विभिन्न निगम मंडलों के पदाधिकारी और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। जंगल सफारी के लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को स्मृति चिन्ह के रूप में भगवान श्री गणेश की काष्ठ निर्मित प्रतिमा भेंटकर शुभकामनाएं दी।  मोदी ने जंगल सफारी में वृक्षारोपण भी किया।
320 हेक्टेयर में जंगल सफारी का विकास हुआ है । अक्टूबर 2012 में निर्माण शुरू हुआ था। यहां पर टाइगर, बीयर, हर्बीवोर और लाॅयन सफारी शामिल है। जंगल सफारी के बीच 131 एकड़ से अधिक क्षेत्र में खण्डवा जलाशय है। जलाशय के बीच नेस्टिंग आइलैण्ड का विकास किया जाएगा। यह नया रायपुर के लिए एक आॅक्सीजोन है। लगभग 200 करोड़ रूपए की लागत से इस सफारी का निर्माण किया गया है। इसमें 50 एकड़ के रकबे में टाइगर सफारी और 50 एकड़ में भालुओं के लिए ’बीयर’ सफारी बनाया गया है। इसके अलावा 125 एकड़ में चिड़ियाघर और 50 एकड़ में लायन सफारी का भी प्रावधान है। रंग-बिरंगी तितलियों के लिए बटरफ्लाई जोन का निर्माण किया गया है। जंगल सपफारी में पशु-पक्षियों के लिए करीब 52 एकड़ में जल स्त्रोत भी विकसित किए गए हैं।
रायपुर और नया रायपुर के बीच सार्वजनिक परिवहन। रायपुर में दो पिक-अप पाॅइंट, नया रायपुर में 10 बस शेल्टर तथा 01 बस डिपो। दो काॅरिडोर में 42 कि.मी. रूट में नया रायपुर तथा रायपुर के बीच बस सेवा होगी। विश्व बैंक की सहायता से कुल 170 करोड़ की योजना है। 53 कि.मी. सायकल ट्रेक तथा पैदल पथ का निर्माण भी नाॅन मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट एनएमटी के तहत किया गया है। प्रथम चरण में 30 एसी बसों का संचालन किया जा रहा है। प्ज्ै (प्दजमससपहमदज ज्तंदेचवतज ैलेजमउद्ध  के तौर पर पूरी बीआरटीएस की बसों का संचालन होगा। इसमें आॅटोमेटेड टिकटिंग ळच्ै कंट्रोल सिस्टम भी है।
सीबीडी रेल्वे स्टेशन तथा राजधानी परिसर के बीच 2.25 कि.मी. लम्बाई और 200 मीटर की चैड़ाई में 30 करोड़ रूपए की लागत से एकात्म पथ का निर्माण किया गया है। सड़क के मध्य 100 मीटर चैड़े तथा 2.10 किमी लंबे क्षेत्र में आकर्षक उद्यान भी बनाया गया है। करीब 50 एकड़ के इस उद्यान में विभिन्न प्रजातियों के 6 हजार से अधिक वृक्ष समेत 23 हजार पौधों का रोपण। एकात्म पथ पर गुलाब, सेवंती, जासवंत, मेहन्दी, चम्पा, चांदनी, सदाबहार, नीम, पीपल, कचनार, कामिनी, कुसुम, बादाम, बसंत रानी, पारिजातक समेत 65 विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे गए हैं। उद्यान में 1 लाख 13 हजार वर्ग मीटर घास लगाई गई हैं। उद्यान में 11 विभिन्न फव्वारे हैं। पैदल पथ तथा 4 कि.मी. सायकल ट्रैक है। इस पथ के मध्य रोटरी आॅब्जर्वेशन टाॅवर प्रस्तावित है। एकात्म पथ में खैरागढ़ के चित्रकारों द्वारा मधुबनी, वरली, संथाल, गोन्ड, बांगला तथा बस्तर शैली में जीवन के विभिन्न अवसरों को उकेरा गया है।
एकात्म मानववाद के प्रवर्तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 15 पफीट और 14 टन की यह प्रतिमा संगरमर के पत्थरों से निर्मित है। जयपुर (राजस्थान) के पदृमश्री सम्मान प्राप्त शिल्पकार अर्जुन प्रजापति ने इसका निर्माण किया है। यह प्रतिमा 150 मीटर व्यास के वृत्त वाली सड़क के बीच स्थापित की गई है। पंडित दीनदयाल वृत्त प्रदेश के प्रशासिक केन्द्र राजधानी परिसर के ठीक सामने है। यह वृत्त भौगोलिक दृष्टि से शहर का केन्द्र है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने  छत्तीसगढ़ सहित देश भर के उन किसानों को सौर सुजला योजना की सौगात की। जिनके खेतों तक परम्परागत तरीके से बिजली पहुंचाने में दिक्कते आ रही हैं। इस नई योजना में ऐसे किसानों के खेतों में पानी पहुंचाने के लिए उन्हें आकर्षक अनुदान पर सौर ऊर्जा से चलने वाले सिंचाई पम्प दिए जाएंगे। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को साढ़े तीन लाख रूपए की लागत वाले तीन हार्सपावर का सिंचाई पम्प सिपर्फ सात हजार रूपए के अंशदान पर मिलेगा। इसी तरह पिछड़ा वर्ग के किसानों को यह पम्प बारह हजार रूपए और सामान्य वर्ग के किसानों को 18 हजार रूपए में मिलेगा। वहीं पांच हार्सपावर वाले साढ़े चार लाख रूपए का कीमत वाले सिंचाई पम्प अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को दस हजार रूपए, अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को 15 हजार रूपए और सामान्य वर्ग के किसानों को 20 हजार रूपए में दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में वित्तीय वर्ष 2019 तक 51 हजार किसानों को इस योजना का लाभ दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इनमें से 11 हजार किसानों को चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई पम्प दिए जा रहे हैं।