आयुष्मान भवः की सफलता के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कसी कमर

For the success of Ayushman Bhava

For the success of Ayushman Bhava

प्रदेशभर में आयुष्मान कार्ड व आभा आईडी बनाने के साथ स्वास्थ्य मेलों की सफलता के प्रयासों के हुए सख्त निर्देश

देहरादून। For the success of Ayushman Bhava आयुष्मान भवः के सेवा पखवाड़े की सफलता के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कमर कस ली है। नोडल और प्रदेश भर में तैनात जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों को वेलनेस सेंटरों में स्वास्थ्य मेलों के आयोजन से लेकर आयुष्मान कार्ड व आभा आईडी बनाने के साथ साथ अन्य सभी कार्यक्रमों के में सहयोग हेतु निर्देशित किया गया है।

गौरतलब है कि आयुष्मान भवः योजना के तहत 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आयुष्मान कार्ड तथा आभा आई.डी. बनाने से लेकर हेल्थ वेलनेस सेंटरों में स्वास्थ्य मेलों का आयोजन, क्षय रोग मुक्त समाज, स्वच्छता अभियान, रक्तदान शिविर, अंगदान शपथ समेत अन्य कार्यक्रम शामिल हैं।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अपर निदेशक प्रशासन अतुल जोशी ने बताया कि सेवा पखवाड़े को लेकर प्रदेशभर में तैनात आयुष्मान की टीम को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। प्रदेश में अभियान चलाकर उन लोगों के कार्ड बनाए जाने हैं जिनके अभी तक नहीं बन पाए हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना है कि प्रदेश भर में संचालित हो रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का समुचित लाभ आखिरी छोर के समाज को उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप मिले।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. आनन्द श्रीवास्तव ने बताया कि आयुष्मान भवः की सफलता के लिए सेवा पखवाड़े में एसएचए के पूरे सिस्टम को बेहतर से बेहतर प्रदर्शन के लिए निर्देशित किया गया है।

उन्होंने कहा कि जन कल्याण के इस कार्यक्रम में किसी भी स्तर पर लापरवाही अक्षम्य है। प्रदेश में अभी तक 52.10 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। साथ ही 58.65 लाख लोगों की आभा आईडी बन चुकी हैं। सेवा पखवाड़े के प्रयासों से परिणाम और बेहतर होंगे।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देशभर में आयुष्मान भवः कार्यक्रम चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण अभियान होगा।

हमारी प्रतिबद्धता है कि प्रदेश के आखिरी छोर के व्यक्ति को भी न सिर्फ समुचित स्वास्थ्य सुविधा मिले बल्कि इसे वह अपना हक समझते हुए योजना का लाभ उठाए। रक्तदान शिविर व स्वैच्छिक अंगदान शपथ से प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र का सामर्थ्य पहले कहीं अधिक सशख्त होगा।

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