गर्मी से पहले ही दहकने लगे है जंगल

Fire

पिथौरागढ़,। राज्य में सीजन से पहले ही जंगल दहकने लगे है। बीते साल पूरे देश में जंगलों में आग को लेकर चर्चित रहे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जंगल गर्मी से पहले ही दहकने लगे है। एक महीने में ही राज्य के आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर जंगलों में आग लगने की सूचना प्राप्त हो चुकी है। पिथौरागढ़ रेंज के तहत जिला मुख्यालय से लगभग 16 किमी दूर थलकेदार के रिजर्व जंगल में आग लगने की सूचना है।

आग धीरे-धीरे बढ़ रही है। वन विभाग ने जंगल में लगी इस आग को बुझाने के लिए टीम गठित कर दी है। बताते चले कि थलकेदार का जंगल बाज बुरांश फल्यात सहित चौड़ी पत्ती वाले वृक्षों वाला है। इस जंगल में नमी भी काफी अधिक रहती है। इस वर्ष शीत ऋतु में बारिश काफी कम हुई। जिसके परिणामस्वरूप नमी में कमी आयी है। फरवरी माह में ही जंगल आग की चपेट आ रहे है। थलकेदार जंगल में अभी 20 से 25 मीटर के दायरे में आग पफैली है।

धुआं जिला मुख्यालय से नजर आ रहा है। हालांकि गर्मी के आगमन और वनाग्नि की भीषणता को देखते हुए वन विभाग में स्पेशल फायर सीजन क्रू स्टेशन बनाए हैं जिसका लाभ वनाग्नि रोकने में मिलने की संभावना है। जिला मुख्यालय से सटे टकाड़ी के जंगल में भी आग लगी है। यह जंगल पंचायती है। इस बार शीत काल में अभी तक जंगलों में आग लगने की एक दर्जन घटनायें घट चुकी है। जिसमें 10 हजार फिट की ऊचांई में मुनस्यारी के बुरफू और इसी ऊंचाई के कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग में गूंजी के जंगलों की आग ने विकराल रूप लिया था। बुरपफू में चार दिन बाद तो गूंजी में दो दिन बाद आग पर काबू पाया जा सका था। आग से उच्च हिमालयी वनस्पति और जड़ी बूटी नष्ट हुई थी। पंचाचूली की तलहटी के बुग्यालों में आग लगने की चार घटनाएं घाट चुकी है। पिथौरागढ़ रेंज में जंगलो में आग लगने की छह घटनाएं हो चुकी है।