नकली नोट छापते हुए पकड़ा

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चंडीगढ़। नोटबंदी के साथ कई परेशानियां और चुनौतियां सामने आ रही है। 2 हजार के नोट देश के हर हिस्से में अभी सर्कुलेट नहीं हुए है तो फर्जी नोट धड़ल्ले से बढ़ रहे हैं। देश के हर हिस्सों से नकली नोट के साथ लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है और ऐसा ही एक मामला बुधवार को मोहाली पुलिस के सामने आया। पुलिस ने एक गैंग को पकड़ा है जिसके पास 42 लाख रुपए की कीमत के फर्जी नोट थे। पुलिस ने बताया कि उन्हें एक आॅडी कार भी मिली जिसकी कीमत 70 लाख रुपए थी और उसमें लाल बत्ती लगी हुई थी।

इन गिरफ्तारियों में एक शख्स बीटेक ग्रेजुएट अभिनव  वर्मा और एमबीए कर रहा उसकी कजिन विशाखा वर्मा, लुधियाना  का प्राॅपर्टी डघ्ीलर सुमन नागपाल है। शहर पुलिस अधिकक्षक ने कहा बरामद नोट अच्छी क्वाॅलिटी के हैं और बिल्कुल 2 हजार के नए नोटों जैसे दिखते हैं। लोगों को नए करेंसी नोट की प्रमाणिकता के बारे में ज्यादा मालूम नहीं है इसलिए उन्होंने 2 हजार के नकली नोटों को प्रिंट किया। जहां यह खबर पहले से ही एक आपराधिघ्क मामले की है लेकिन ज्यादा दुख और आश्चर्य की बात तो यह है कि इस पूरे काम के पीछे जो मास्टरमाइंड है वह बहुत उज्जवल और प्रतिभावान है। 21 साल के अभिनव  वर्मा ने हाल ही में अपने लाइव ब्रेल के इनोवेशन के लिए सुर्खिया बटोरी थी।

इस युवा ने दृष्टिहीनों के लिए एक स्घ्मार्ट गैजेट डेवलप किया था जिसका उद्देश्य  दृष्टबिाधितों की गतिशीलता में सुधार लाना था। यही नहीं अभिनव सभी तरह की विकलांगता के लिए सहायक उत्पादों को विकसित करने की चाहत रखते थे। अभिनव का स्टार्ट अप एम्घ्रियो एस चंडीगढ़ का था और 16 देशों में आॅपरेट होता था। इसकी कई गैर सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी थी। पुलिस ने बताया कि नकली नोटों की प्रिंटिंग अभिनव के चंडीगढ़ आॅफिस में ही हुई और विशाखा वहां उसकी मदद के लिए मौजूद थी। वे दोनों वहां नोट की प्रिंटिंग करते थे। आरोपी सुमन का काम ग्राहकों की पहचान और अन्य आरोपियों को निर्देशित करना था। टीम में दो अन्य सदस्य भी शामिल थे। यानी पांच सदस्यों की यह गैंग 30 प्रतिशत कमिशन के साथ लोगों को 500 व 1000 रुपए के नोटों को एक्सचेंज कर धोखा दे रही थी।