Emergency Ward of Doon Medical College
देहरादून। Emergency Ward of Doon Medical College उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज में आकस्मिक चिकित्सा अधिकारियों की कमी बनी हुई है। दून अस्पताल में मानकों के अनुरूप इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर्स उपलब्ध नहीं हैं, जिस कारण इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का इलाज चिकित्सा शिक्षा विभाग के सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर कर रहे हैं।
दून मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. के. के. टम्टा के मुताबिक अस्पताल में ईएमओ के कुल 9 पद स्वीकृत हैं, जिसमें पांच दून अस्पताल के जबकि चार पद दून मेडिकल कॉलेज के हैं। वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में दो आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी तैनात हैं।
इन आकस्मिक चिकित्सा अधिकारियों को वेतन चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किया जाता है। वहीं, जो ईएमओ पहले से कॉलेज में तैनात थे, उनका स्थानांतरण स्वास्थ विभाग में कर दिया गया है।
अब कॉलेज प्राचार्य की तरफ से चिकित्सा शिक्षा चयन बोर्ड को लिखा गया है। चयन बोर्ड जैसे ही डॉक्टरों का सलेक्शन करेगा, वैसे ही अस्पताल में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसरों की तैनाती कर दी जाएगी।
फिलहाल फौरी तौर पर व्यवस्था बनाने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर से मॉर्निंग ड्यूटी कराई जा रही है।. इवनिंग और नाइट ड्यूटी ईएमओ से ली जा रही है।
दरअसल दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन आता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने अधिकतर चिकित्सक अपने वापस लेकर कहीं और स्थानांतरित कर दिए हैं। जिसके बाद इमरजेंसी सेवाओं में ईएमओ की कमी हो गई है।
फिलहाल, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने चिकित्सा शिक्षा चयन बोर्ड को इस संदर्भ में लिखा है। चयन बोर्ड जैसे ही चयन प्रक्रिया के तहत नए डॉक्टरों का सिलेक्शन करेगा वैसे ही दून मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में उनकी तैनाती की जाएगी।
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