ईडी ने डीआईटी यूनिवर्सिटी चेयरमैन को भेजा नोटिस

ED issues notice to DIT University chairman

देहरादून। ED issues notice to DIT University chairman उत्तराखंड के बहुचर्चित एससी-एसटी छात्रावृत्ति घोटाले की जांच एक बार फिर तेज हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डीआईटी यूनिवर्सिटी के चेयरमैन को नोटिस जारी किया है। ईडी ने उन्हें 10 दिनों के भीतर कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने और दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया है।

ईडी ने पिछले कुछ महीनों से दस्तावेजों और बैंक लेनदेन की जांच तेज कर रखी है। इसी के तहत डीआईटी यूनिवर्सिटी प्रबंधन का नाम सामने आने पर ईडी ने यूनिवर्सिटी के चेयरमैन को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। उल्लेखनीय है कि घोटाले के सामने आने के बाद हरिद्वार और देहरादून जिलों में कई संस्थानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे।

सबसे पहले हरिद्वार के सिडकुल क्षेत्र में तैनात अधिकारियों ने फर्जीवाड़े की पुष्टि करते हुए एफआईआर दर्ज की थी, जिसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की। ईडी अब डीआईटी यूनिवर्सिटी सहित अन्य संस्थानों से भी विस्तृत दस्तावेज और फीस रिकॉर्ड मांग सकती है। यदि अनियमितता प्रमाणित होती है, तो मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की संभावना है।

वर्ष 2012 से 2016 के बीच सरकार की और से एससी-एसटी छात्रों की फीस और शिक्षा सहायता के लिए जारी की गई करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति कई शिक्षण संस्थानों ने गलत तरीके से हड़प ली थी। आरोप है कि अनेक संस्थानों ने या तो फर्जी छात्रों के नाम पर राशि ली, या फिर छात्रों को पूरी राशि न देकर खुद बंदरबांट कर ली।

अभी तक हुई जांच में खुलासा हुआ है कि कई संस्थानों ने वास्तविक छात्रों की संख्या से कई गुना अधिक छात्रवृत्ति दिखाई। कुछ संस्थानों में छात्रों के खातों में आंशिक राशि भेजी गई और बाकी की रकम संस्थान में ही रोक ली गई। कई छात्रों ने बयान दिया कि उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ पूर्ण रूप से नहीं मिला। ईडी ने बैंक खातों और वाउचर की गहन जांच में कई वित्तीय असंगतियों को पाया है।

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