मांगों को लेकर गुरिल्लों ने किया जोरदार जुलूस प्रदर्शन

अल्मोड़ा । नियुक्ति, पेंशन, दिल्ली प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज मामले की जांच तथा लाठीचार्ज के दौरान मारी गये गुरिल्ले के परिवार को आर्थिक सहायता देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर गुरिल्लों ने यहां जिला मुख्यालय में विशाल जुलूस निकाला और प्रदर्शन किया। साथ ही प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व मुख्यमंत्री को डीएम के माध्यम से ज्ञापन भी भेजा। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत एसएसबी के स्वयं सेवक यहां चैघानपाटा में काफी संख्या में जमा हुए। जहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि एसएसबी स्वयं सेवकों के धरने को 2700 दिन पूरे हो चुके हैं। विगत में दिल्ली प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज में एसएसबी स्वयं सेवक संतोष सिंह की मौत हो गई थी।

उसके परिजनों को आज तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है। केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मानंद डालाकोटी ने कहा कि एसएसबी स्वयं सेवकों की मांग केवल नौकरी, पेंशन से जुड़ी मांग नहीं है। उनकी मांग देश की अतर्राष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ी हुई भी है। उन्होंने कहा कि देश को इस बात पर विचार करना चाहिए कि वर्ष 2002 में सीमाओं से घुसपैठ के मामलों में वृद्धि तो नहीं हुई है। सीमाओं की सुरक्षा की समीक्षा के स्थान पर भारत सरकार गुरिल्लों के 10 वर्षों के आंदोलन को लाठी-डंडों से कुचलने, गुरिल्लों पर बार-बार मुकदमें दर्ज कर उनका मनोबल गिराने के प्रयास कर रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। गुरिल्लों ने देश के सभी 17 सीमावर्ती राज्यों में प्रभावी आंदोलन की रणनीति बनाई है।

इसके बाद गुरिल्लों ने मालरोड में विशाल जुलूस निकाला। डीएम के माध्यम से भेजे गये ज्ञापन में शीघ्र इको टास्क फोर्स का गठन करने, स्वैच्छिक आपदा प्रबन्ध बल में नियुक्ति प्रक्रिया प्रारम्भ करने, लोनिवि में मेट व बेलदार पदों में सभी जनपदों में नियुक्तियां देने, 3 माह के लिए अस्थाई रूप से आपदा प्रबन्धन में रखे जाने वाले एसएसबी स्वयं सेवकों को वर्ष भर कार्य दिये जाने, गृह सचिव भारत सरकार द्वारा राज्य के मुख्य सचिव के भेजे पत्र पर शीघ्र कार्रवाई करने, गुरिल्लों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने के साथ-साथ गुरिल्लों के मामले में राज्य सरकार द्वारा भी केंद्र सरकार में प्रभावी पहल किये जाने की मांग की गयी है। प्रदर्शन व जुलूस में ब्रह्मानंद डालाकोटी, जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला, चंद्र सिंह, दीवान सिंह, गिरीश चंद्र पांडे, भुवन चंद्र चैधरी, लछम सिंह, भूपाल सिंह, देवीदत्त बुधानी, ध्यान सिह, उमेश चंद्र, दीवान राम, दिनेश लोहनी, आंनदी महरा, दया नैनवाल, कमला देवी, रेखा, पुष्पा नयाल सहित सैकड़ों गुरिल्ले शामिल थे। सभा की अध्यक्षता शिवराज बनौला, संचालन कैलाश साह ने किया।