विमुद्रीकरण से सफेद पैसे वालों को हो रही है परेशानी: ममता

नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के विमुद्रीकरण के फैसले के खिलाफ गुरुवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। ममता ने कहा कि विमुद्रीकरण से सपफेद पैसे वालों को परेशानी हो रही है। मुलाकात के बाद राष्ट्रपति भवन के बाहर मीडिया से बातचीत में ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीखे शब्दों में आलोचना करते हुए कहा कि आप स्विस बैंकों में जमा कालाधन बरामद नहीं कर सके, लेकिन सपफेद पैसे वालों के लिए परेशानी खड़ी कर दी। आपने तो हिटलर से भी अधिक कहर बरपा दिया है। उन्होंने कहा कि पैसे के अभाव में कई मरीजों की मौत हो गईं।

तृणमूल प्रमुख ने कहा कि करदाताओं को बैंक खातों से पैसे निकालने नहीं दिया जा रहा। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि ये क्या तुगलकी कारोबार चल रहा है। यह तो हिटलर से भी ज्यादा गड़बड़ है। उन्होंने पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोटों को सीमित अवधि के लिए कुछ चुनिंदा स्थानों पर चलाये जाने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि रेलवे, नागरिक उडड्यन और केंद्र सरकार के बैंकों में पुरानी मुद्रा को अनुमति दी जाती है, लेकिन राज्य के सहकारी बैंकों में नहीं है जिस पर किसान निर्भर करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य का पूरा काम बंद हो गया है। सरकार के इस पफैसले ने देश को बर्बाद कर दिया है।

ममता ने कहा कि कई गांवों में बैंक नहीं हैं, जिससे दिहाड़ी मजदूरों को नोट बंद करने के फैसले से बहुत परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। सरकार ने बीज बोने और फसल काटने वाले किसानों का काम बिलकुल चैपट कर दिया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले खिलाफ ममता बनर्जी बुधवार को जंतर मंतर पर धरने पर बैठीं और प्रधानमंत्री को हटाने की मांग की थी। इसमें तृणमूल समर्थक एनजीओ, धर्मार्थ संगठनों, राजनैतिक दलों, छात्र संगठनों के अलावा आम जनता ने भी हिस्सा लिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य घोषित करने की घोषणा की थी। सरकार की घोषणा के बाद ही तृणमूल प्रमुख ने राष्ट्रपति से इस विषय पर बातचीत के लिये मिलने का समय लिया था।