अब बैंकों में भी अदालतों की तरह दी जा रही पैसे देने के लिए तारीख

मेरठ । अब बैंकों में भी अदालतों की भांति लोगों को पैसे देने के लिए तारीख दी जा रही है। इसका कारण बैंकों में पैसा नहीं आना बताया जा रहा है। लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैंक मैनेजर ने विड्राल पफार्म जमा करके लोगों को पैसे मिलने की तारीख दे दी है। इससे लोग निराश होकर बैंकों से लौट रहे हैं।

500 और 1000 के नोटों का चलन बंद होने के कारण लोग बैंकों में नए नोट लेने को उमड़ रहे हैं, लेकिन नए नोट नहीं मिलने से बैंकों में लंबी कतारें लगी है। दिल्ली-एनसीआर में 500 रुपए के नोट बैंकों में आ गए हैं, लेकिन वेस्ट यूपी के जिलों के बैंक अभी भी 500 के नए नोटों का इंतजार कर रहे हैं और उनके पास 2000 रुपए के नोट भी पर्याप्त मात्रा में नहीं आ रहे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सिंडिकेट बैंक अग्रणी बैंक के रूप में काम कर रहा है। शहरों से लेकर गांवों तक में सिंडिकेट बैंक का बड़ा नेटवर्क हैं। इसके बाद भी लोगों को सिंडिकेट बैंक नए नोट मुहैया नहीं करा पा रहा।

सिंडिकेट बैंक की अध्किांश ब्रांच नए नोटों की किल्लत से जूझ रही है। बागपत जनपद की कई ब्रांचों और मेरठ देहात क्षेत्रा में कई ब्रांचों में तीन-चार दिन से नए नोट नहीं आ रहें। नए नोट नहीं मिलने से लोग निराश हो रहे हैं। कई जगह तो बैंक कर्मियों से लोगों की झड़प भी हो रही है। लोगों की भीड़ से निपटने के लिए सिंडिकेट बैंक की कई ब्रांचों में मैनेजरों ने लोगों के विड्राल और चेक लेकर उन्हें पैसे मिलने की तारीऽ जारी कर दी है। इसके लिए लोगों को नंबर देकर अलग-अलग दिन पैसे लेने के लिए बुलाया जा रहा है। इससे बैंक मैनेजरों ने लोगों की भीड़ से भी निपटने का भी तरीका ऽोज निकाला है। अब बैंकों में केवल पैसा जमा कराने वाले लोग आ रहे हैं। मेरठ जनपद के लीड बैंक मैनेजर विनय शर्मा का कहना है कि एक-दो दिन में नए नोटों की समस्या समाप्त हो जाएगी और लोगों को पर्याप्त मात्रा में नई करेंसी वितरित की जा सकेगी।