अल्मोड़ा । उत्तराखंड लोक कलाकार संघ ने संस्कृति निदेशालय से पंजीकरण के लिए आडिशन शीघ्र कराने की मांग करते हुए संस्कृति विभाग को चेतावनी दी है कि अगर पंजीकरण प्रक्रिया को निरस्त किया गया तो इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। वहीं, संघ ने उन कुछ लोक सांस्कृतिक दल नायकों और कलाकारों की कड़े शब्दों में निंदा की है जो इस आडिशन का विरोध कर रहे हैं। बैठक में लोक कलाकारों ने कहा कि जब गीत एवं नाट्य प्रभाग भारत सरकार और सूचना एवं लोक संपर्क विभाग जब इन आडिशन को करता है तो कभी भी उसका विरोध नहीं होता है। संस्कृति निदेशालय के आडिशन कराए जाने का विरोध करने वाले कुछ ऐसे भी कलाकार हैं, जिन्हें लोक संस्कृति का ज्ञान नहीं है, वह सीधे साधे उन कलाकारों को जो वर्षों से संस्कृति से जुड़े हैं उन्हें बरगलाने में लगे हैं,
वहीं विभाग का पुतला फूंक कर विरोध कर रहे हैं, और स्वयं आडिएशन के लिए आवेदन कर रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि आडिशन होने चाहिए ताकि नए कलाकारों को भी इसका मौका मिल सके और राज्य में बने नए दल भी अपनी संस्कृति के प्रचार- प्रसार के लिए आगे आ सके। बैठक में संघ के उपाध्यक्ष नवीन चंद्र, रंगकर्मी नवीन बिष्ट, राजेंद्र तिवारी, कमल जोशी, महिपाल मेहता, संतोष कुमार, नरेंद्र कुमार, कविता जोशी, प्रिया डसीला, हंसा बलूनी, जगदीश चंद्र, बहादुर राम, रमेश राम, हंसा कुवार्णी, सुनीता बिष्ट, रेनु आर्या, मीनाक्षी आर्या मौजूद रहे। इधर, कुमाऊं लोक कलाकार महा संगठन कहा है कि संस्कृति विभाग वर्षों से लोक संस्कृति के संरक्षण में काम कर रहे लोगों को बाहर का रास्ता दिखाने का काम कर रहा है।