जेल में बंद बदमाश कर रहे सोशल साईटों के जरिए अपना नेटवर्क मजबूत

Criminals imprisoned in Uttarakhand jails

Criminals imprisoned in Uttarakhand jails

देहरादून। Criminals imprisoned in Uttarakhand jails उत्तराखण्ड की जेलों में कैद अपराधियों के रिमोट के जरिए अपराध करवाने के कई किस्से मौजूद हैं। पुलिस के लिए चिंता की बात यह है कि अब जेलों में बंद ये अपराधी तकनीक का सहारा ले सोशल नेटवर्क  के जरिए भी अपने अपराध के नेटवर्क  का विस्तार कर रहे हैं।

वॉट्सऐप कॉल, फेसबुक वीडियो कॉल जैसी तकनीकों का इस्तेमाल ये अधिकारी लोगों को धमकाने और अपने गुर्गों से संपर्क साधने के लिए कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि नई तकनीक के पीछे छुपे इन बदमाशों तक पहुंचना भी आसान नहीं होता।

हरिद्वार की जिला जेल हो या फिर रुड़की जेल, यहां बंद कुख्यात बदमाशों के क्राइम पुलिस के लिए एक चुनौती बनते रहे हैं लेकिन अब नई तकनीक ने पुलिस की मुश्किल और बढ़ा दी हैं। जेलों में बंद बदमाश सोशल मीडिया के जरिए अपने दायरे का विस्तार कर रहे हैं|

बदमाशों के पास मोबाइल फोन होने के सबूत मिले

वाट्सऐप, आईएमओ, फेसबुक, इन्स्टाग्राम, स्काइप जैसी सोशल मीडिया साइट्स से वीडियो कॉल कर ये बदमाश अपना नेटवर्क मजबूत कर रहे हैं। इन साइट्स का सहारा लेने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि इनकी कॉल का रिकार्ड नहीं होता।

इसकी वजह से पुलिस बदमाशों को ट्रेस नहीं कर पा रही है। हरिद्वार और रुड़की जेलों से पुलिस को पहले भी बदमाशों के पास मोबाइल फोन होने के सबूत मिले हैं।

रुड़की में एक साल पहले ही अचानक की गई चेकिंग में पुलिस को 3 कैदियों के पास से एन्ड्राएड मोबाइल फोन बरामद हुए थे। इनमें तत्कालीन डिप्टी जेलर नरेन्द्र सिंह खंपा की हत्या का आरोपी भी शामिल था।

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