सरकारी ऐजेंसियों के दुरूपयोग पर कांग्रेस ने किया राजभवन कूच, गिरफ्तार

Congress marched to Raj Bhavan

Congress marched to Raj Bhavan

राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

देहरादून। Congress marched to Raj Bhavan कांग्रेस पार्टी द्वारा दिल्ली में केन्द्र सरकार के इशारे पर हुई बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के विरोध में देशभर में भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के साथ राजभवनों का घेराव किया गया। इसी कार्यक्रम के तहत देहरादून में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने विशाल प्रदर्शन करते हुए राजभवन का घेराव किया तथा राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में एकत्र हुए जहां से उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में मार्च निकालते हुए राजभवन की ओर कूच किया। हाथीबडकला बैरिकेटिंग पर पुलिस द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकते हुए गिरफतार कर पुलिस लाईन लेजाया गया।

राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केन्द्र की वर्तमान सरकार द्वारा राजनैतिक प्रतिशोध और द्वेष की भावना से प्रेरित होकर सरकारी ऐजेंसियों का दुरूपयोग करते हुए विपक्षी दल के नेताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है जिसकी कांग्रेस पार्टी घोर निन्दा करती है।

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई इसी बात का द्योतक है। कांग्रेस ने कहा कि नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना पं. जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, पुरुषोत्तम टंडन, आचार्य नरेंद्र देव, रफी अहमद किदवई और अन्य नेताओं द्वारा वर्ष 1937 में की गई, ताकि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नामक कंपनी को स्थापित करके देश में स्वतंत्रता आंदोलन को आवाज दी जा सके।

त्रासदी के रूप में वर्णित किया था

1942 से 1945 तक अंग्रेजों द्वारा ‘‘भारत छोड़ो आंदोलन’’ के दौरान इस समाचार पत्र को प्रतिबंधित कर दिया गया था, जिसे महात्मा गांधी ने राष्ट्रीय आंदोलन के लिए एक त्रासदी के रूप में वर्णित किया था।

इस समाचार पत्र की संपादकीय उत्कृष्टता के बावजूद, नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र निरंतर आर्थिक रूप से घाटे में जाता गया, जिसके परिणाम स्वरूप इसके द्वारा देय बकाया राशि 90 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।

इस संकट में फंसे नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की सहायता के लिए कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2002 से लेकर 2011 के दौरान लगभग 100 किश्तों में इसे 90 करोड़ रुपये का ऋण दिया।

इसमें महत्वपूर्ण ध्यान देने वाली बात यह है कि इस 90 करोड़ रुपए की राशि में से नेशनल हेराल्ड ने 67 करोड़ रुपए अपने कर्मचारियों के वेतन और वीआरएस का भुगतान करने के लिए उपयोग किए और बाकी की राशि बिजली शुल्क, गृह कर, किरायेदारी शुल्क और भवन व्यय आदि जैसी सरकारी देनदारियों के भुगतान के लिए इस्तेमाल की गई।

बीजेपी में बैठे लोग और उनके हितैषी, जो कि नेशनल हेराल्ड को दिए गए इस 90 करोड़ रुपये के ऋण को अपराधिक कृत्य के रूप में मान रहे हैं, ऐसा वह विवेकहीनता और दर्भावना से अभिप्रेत होकर कह रहे हैं। यह सर्वथा अस्वीकार्य है।

भारत के चुनाव आयोग को प्रस्तुत भी किया गया

किसी भी राजनीतिक दल द्वारा ऋण देना भारत में किसी भी कानून के तहत एक आपराधिक कृत्य नहीं है। फिर, कांग्रेस पार्टी द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (1937 से कांग्रेस पार्टी से निकटता से जुड़ी और कांग्रेस की विचारधारा का समर्थन करने वाली कंपनी) को समय-समय पर कुल 90 करोड़ रुपये का ऋण देना कैसे एक आपराधिक कृत्य माना जा सकता है? इस ऋण को विधिवत रूप से कांग्रेस पार्टी के खातों की किताबों में दर्शाया गया था, जिसका विधिवत लेखा-जोखा किया गया और भारत के चुनाव आयोग को प्रस्तुत भी किया गया।

यहां तक कि चुनाव आयोग ने दिनांक 06.11.2012 के अपने एक पत्र के माध्यम से सुब्रमण्यम स्वामी को यह स्पष्ट करते हुए लिखा था कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी राजनीतिक दल द्वारा खर्च को प्रतिबंधित या नियंत्रित करता हो।

इस प्रकार, स्वामी व भाजपा द्वारा लगाया गया आपराधिक कृत्य का आरोप स्पष्ट रूप से असत्य है। नेशनल हेराल्ड को दिया गया यह 90 करोड़ रुपए का ऋण नेशनल हेराल्ड और उसकी मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड द्वारा चुकाना संभव नहीं था, इसलिए, इस 90 करोड़ रुपए के ऋण को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के इक्विटी शेयरों में परिवर्तित कर दिया गया था।

चूंकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इक्विटी शेयरों का स्वामित्व अपने पास नहीं रख सकती थी, इसलिए इस इक्विटी को सेक्शन -25 के अंतर्गत स्थापित ‘‘यंग इंडियन’’, नामक नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी को आवंटित कर दिया गया।

वित्तीय अर्जन का दावा स्वाभाविक रुप से असत्य है

सोनिया गांधी, राहुल गांधी, स्वर्गीय ऑस्कर फर्नांडीस, स्वर्गीय मोतीलाल वोरा, श्री सुमन दबे आदि इस ‘नॉट-फॉर-प्रॉफिट’ कंपनी की प्रबंध समिति के सदस्य हैं। ‘नॉट-फॉर-प्रॉफिट’ की अवधारणा पर स्थापित किसी भी कंपनी के शेयर धारक, प्रबंध समिति के सदस्य कानूनी रुप से कोई लाभांश, लाभ, वेतन या अन्य वित्तीय लाभ नहीं ले सकते हैं इसलिए, सोनिया गांधी, राहुल गांधी या ‘यंग इंडियन’ में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसी भी प्राप्ति या वित्तीय लाभ का प्रश्न ही नहीं उठता इसलिए स्वामी, भाजपा का अवैध प्राप्ति या लाभ या वित्तीय अर्जन का दावा स्वाभाविक रुप से असत्य है।

कांग्रेसजनों ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और हमारे नेतृत्व का इरादा स्पष्ट रूप से यह सुनिश्चित करने का है कि नेशनल हेराल्ड, जो कांग्रेस पार्टी की विरासत का प्रतीक है, उसके मूल्य हमेशा जीवित रहें और हमारे आदर्शों और सिद्धांतों को व्यक्त करने में नेशनल हेराल्ड हमारी आवाज बना रहे।

प्रदर्शन करने वालों में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापडी, विधायक आदेश चैहान, रवि बहादुर, अनुपमा रावत, सुमित हृदयेश, पूर्व मंत्री नवप्रभात, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, मनोज रावत, राजकुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रशासन संगठन मथुरादत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि, प्रदेश कोषाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, गढ़वाल मण्डल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी, महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, जिलाध्यक्ष संजय किशोर आदि शामिल थे।

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