
परिसम्पत्तियों के बंटवारे से सम्बन्धित अनेक मसले सुलझे CM trivendra singh rawat and yogi
100 कक्षों के पर्यटक आवास गृह के भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए CM trivendra singh rawat and yogi
हरिद्वार/देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को हरिद्वार में होटल अलकनन्दा परिसर में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 41 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित किये जाने वाले 100 कक्षों के पर्यटक आवास गृह का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले एक साल में उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश सरकार के सार्थक प्रयासों से दोनों राज्यों के बीच परिसम्पत्तियों के बंटवारे से सम्बन्धित अनेक मसले सुलझे हैं। उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि योगी जी की त्वरित निर्णय लेने की क्षमता से ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के मध्य नहरों एवं अलकनन्दा होटल के सम्बन्ध में समझौता हुआ है।
अन्तर्राज्यीय बस सेवाओं को सुगम और सुदृढ़ बनाने के लिए दोनों राज्यों के बीच पारस्परिक समझौता किया गया। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य आपसी तालमेल से शीघ्र ही परिसम्पत्तियों से सम्बन्धित मामलों में निर्णय लेंगे और उनका निस्तारण करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दोनों राज्यों को ज्वाइंट वेंचर बनाकर कार्य करना होगा। जल के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए दोनों राज्यों को दीर्घकालीन योजना बनानी होगी। जल को संचय करने के लिए वर्षा जल को एकत्रित करना जरूरी है। जल संरक्षण से ईको सिस्टम भी ठीक होगा। जल संरक्षण के लिए दोनों राज्यों को मिल जुलकर प्रयास करने होंगे।
पर्यटक आवास का नाम भागीरथी पर्यटन गृह रखा जायेगा : CM Trivendra
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सार्थक प्रयासों के परिणामस्वरूप अलकनन्दा होटल से जुड़ी समस्या का समाधान होकर उत्तर प्रदेश सरकार ने हरिद्वार में उत्तर प्रदेश भवन के नाम पर एक नवीन आवास पर्यटक गृह के निर्माण के लिए भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर्यटक आवास का नाम भागीरथी पर्यटन गृह रखा जायेगा। इस आवास को उत्तराखण्ड की वास्तु शैली में बनाया जायेगा। आगामी दो माह में दोनों राज्य परिसम्पत्तियों से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान आपस में बैठकर करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी जी ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड जो भी सार्थक पहल करेगा उत्तर प्रदेश की ओर से उसमें पूरा सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड से निकलने वाली पवित्र नदियाँ गंगा और यमुना के कारण उत्तर भारत देश की सबसे उर्वरा भूमि बनी है। इन दोनों नदियों का सबसे अधिक प्रवाह क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तराखण्ड सरकार की पाॅलीथीन मुक्त एवं जल संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि गंगा कि अविरलता एवं निर्मलता को बनाये रखने के लिए हम सबको अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा।
‘नमामि गंगे’ केवल सरकार का अभियान न रहे, इसमें सबकी भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि 2019 में इलाहबाद में होने वाले कुंभ से पहले उत्तर प्रदेश में 15 दिसम्बर 2018 तक सीवरेज एवं नालों के पानी को गंगा में जाने से रोकने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। इसके लिए गंगा के किनारे उत्तर प्रदेश के सभी 27 जनपदों के 1556 गांवों को चिन्हित किया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के बीच पिछले 17-18 वर्षों से चल रहे विवादों का निपटारा दोनों राज्य सौहार्दपूर्ण माहौल में किया जायेगा।
जरा इसे भी पढ़ें :
- मुख्यमंत्री ने किया अत्याधुनिक प्रयोगशाला का उद्घाटन
- डबल इंजन की सरकार जनता को बना रही बेवकूफ
- देश की रक्षा करते हुए उत्तराखंड का लाल शहीद
यह कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को लेकर किया जायेगा। इस अवसर पर हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ.रमेश पोखरियाल निशंक, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी, विधायक सुरेश राठौर, संजय गुप्ता, देशराज कर्णवाल, जगतगुरू रामानन्दाचार्य, स्वामी श्यामदेवाचार्य महाराज, स्वामी बाबा रामदेव, स्वामी अर्जुनपुरी महाराज, महन्त रवीन्द्रपुरी महाराज, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी, जिलाधिकारी हरिद्वार श्रदीपक रावत आदि उपस्थित थे।