सूचना आयोग को दंड देकर वापस लेने का अधिकार नहींः उच्च न्यायालय

लखनऊ । इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने बुधवार को एक पफैसले में कहा कि उत्तर प्रदेश सूचना आयोग को आरटीआई एक्ट के तहत दंड देकर फिर  से उसे बदलने या वापस लेने का अधिकार नहीं है।
न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप साही तथा न्यायमूर्ति अनिल कुमार श्रीवास्तव द्वितीय की बेंच ने यह आदेश अमिताभ की अधिवक्ता डाॅ. नूतन ठाकुर और सूचना आयोग के अधिवक्ता शिखर आनंद को सुनने के बाद दिया।
उच्च न्यायालय ने कहा घ्कि उत्तर प्रदेश आरटीआई एक्ट 2015 में भी आयोग को अपना आदेश मात्र उन स्थितियों में वापस लेने का अधिकार दिया गया है, जब उसने गलत तारीख को सुनवाई कर ली हो या बिना दूसरे पक्ष को सुने आदेश दिया हो। इसके अलावा आयोग किसी भी स्थिति में अपना दिया गया दंड वापस नहीं ले सकता।
अधिवक्ता नूतन ठाकुर ने बताया कि अदालत ने अमिताभ ठाकुर के मामले में वर्ष 2010 में गृह विभाग के अधिकारियों पर लगाए गए दंड का तत्काल पालन कराये जाने का भी आदेश दिया है।