कानपुर,। जाजमऊ इलाके में बुधवार को ढही सपा नेता की निर्माणाधीन इमारत में मरने वालों की संख्या सात हो गई है। इस भीषण हादसे के बाद केडीए ने आनन-फानन में देर रात विभागीय कार्यवाही करते हुए पांच लोगों को निलंबित कर दिया। इसके अलावा तीन अभियंताओं के निलंबन की संस्तुति शासन से की गई है। वहीं निर्माणाधीन बिल्डिंग के मालिक व ठेकेदार के विरूध गैर इरादतन हत्या की भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। चकेरी थाना क्षेत्र के गज्जूपुरवा इलाके में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष महताब आलम की निर्माणाधीन बिल्डिंग गिरने से कई मजदूरों की मौत के बाद केडीए ने अपना चाबुक चला दिया।
केडीए वीसी जयश्री भोज ने बताया कि विशेष कार्याधिकारी डीडी वर्मा की ओर से महताब आलम व ठेकेदार के विरूद्ध गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है, जिसकी पुष्टि चकेरी के इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह ने भी की। उन्होंने बताया कि आराजी संख्या 628, 629, 630, 631, 646, 1054 व 1055 के मालिक महताब आलम व ठेकेदार को मुकदमे में नामजद किया गया है। अब सवाल यह उठता है कि जब केडीए प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह दावा कर रहा है कि यह बिल्डिंग अवैध बन रही थी और बिल्डिंग को सील किया जा चुका है तो केडीए के आदेश पर सपा नेता कैसे भारी पड़ गया। यही नहीं केडीए ने इस बात की जानकारी न तो जिला प्रशासन से की और न ही शासन को पत्र लिखा। ऐसे में भले ही केडीए अपने दस्तावेज तैयार कर पुरानी तारीखों में ईमारत सील करने का दावा कर रहा हो पर यह तय है कि इस पूरे मामले में कहीं न कहीं कानपुर विकास प्राधिकरण भी लिप्त है। इन पर चला चाबुक केडीए वीसी ने बताया कि क्षेत्रीय पर्यवेक्षण आॅफ को निलंबित कर दिया गया है जिनमें सुपरवाइजर चन्द्रसेन अवस्थी, बेलदार बेलदार, मेट शिव आधार सिंह, चपरासी अमर सिंह व बेलदार राम किशन को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ क्षेत्रीय अवर अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता के खिलापफ निलंबन की संस्तुति शासन से की गई है।
बुधवार को दोपहर डेढ़ बजे सपा नेता की निर्माणाधीन बिल्डिंग उस दौरान भर-भराकर गिर पड़ी जब सातवी मंजिल पर स्लैब पड़ रही थी जिसके बाद पुलिस, सेना व एनडीआरएपफ की टीमों ने राहत बचाव कार्य शुरू किया और खबर लिखे जाने तक भी कार्य चल रहा है। पुलिस के मुताबिक अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है और अभी भी कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। बताते चलें कि बिल्डिंग में करीब 90 मजदूर काम कर रहे थे और लगभग 70 मजदूर मलबे में दब गये थे। दो शव उर्सला में है और पांच शव हैलट के पोस्टमार्टम हाउस में रखे हैं।