पाकिस्तान में बाॅलीवुड फिल्मों पर बैन हटने पर खलबली

मुंबई । पाकिस्तानी सिनेमाघरों के मालिकों द्वारा अचानक भारतीय फिल्मों पर लगे बैन को हटाने से खलबली जैसी मच गई है। जहां बालीवुड के फिल्मकारों ने इस फैसले का स्वागत किया है, वहीं पाकिस्तानी निर्माताओं के संगठन ने इसकी आलोचना की है। इस फैसले को लेकर दोनों देशों की सरकारें भी नाखुश बताई जा रही हैं और संभावना है कि सरकारी स्तर पर ये पफैसला पलटा जा सकता है। नोटबंदी से जूझ रहे बाॅलीवुड को पाकिस्तान में फिल्में रिलीज करने के पफैसले ने कारोबार का एक और मौका दे दिया है। फिल्मी कारोबार के जानकारों का मानना है कि बड़े बजट के साथ बनी बड़े सितारों की फिल्में पाकिस्तान में बीस करोड़ तक का कारोबार कर सकती हैं, जो नोटबंदी के माहौल में एक बड़ा मौका रहेगा। फिल्मों के संगठन गिल्ड के चेयरमैन मुकेश भट्ट से लेकर सेंसर बोर्ड के चीपफ पहलाज निहलानी और सुभाष घई से लेकर राकेश मेहरा, मधुर भंडारकर समेत बालीवुड के तमाम निर्माताओं ने इस पफैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इस पफैसले से दोनों देशों को पफायदा होगा। खास तौर पर बैन के बाद आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तानी सिनेमाघरों को ये फैसला एक नई राहत देगा।

पाकिस्तान में हिंदी फिल्मों पर लगे बैन को हटाने का फैसला न तो वहां की सरकार को रास आया है और दिल्ली की सरकार भी इस फैसले से नाखुश बताई जा रही है। हालांकि इस फैसले में सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। इस फैसले का विरोध कर रहे संगठनों ने पाकिस्तानी सरकार से दखल की मांग की है और इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। सरकार की ओर से फिलहाल इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि सरकार इस पर विचार कर रही है। दूसरी ओर, फैसले के विरोधी संगठन इसे वहां की अदालत में भी ले जाने का विचार कर रहे हैं। दिल्ली सरकार भी इस फैसले से नाखुश बताई जा रही है। संभावना है कि सरकार की ओर से बाॅलीवुड के निर्माताओं से कहा जाए कि वे अपनी फिल्मों को पाकिस्तान न भेजें। कहा जा रहा है कि दिल्ली सरकार खुलकर सामने नहीं आएगी, लेकिन परदे के पीछे से बालीवुड के निर्माताओं को आॅर्डर भेजा जा सकता है।

पाकिस्तान के प्रमुख निर्माता निसार मंजूरी ने कहा कि पैसों के लालच में सिनेमाघर मालिकों ने देश की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया है। निसार ने मांग की है कि सरकार इसमें दखल दे और इस पर रोक लगाए। निसार ने पाकिस्तान की जनता से भी कहा है कि वे इस पफैसले का विरोध करें और सिनेमाघरों में बालीवुड की फिल्में देखने न जाएं। दूसरी ओर, इस पफैसले पर सिनेमाघरों के मालिक डटे हुए हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान में भारतीय फिल्में कभी नहीं रोकी जा सकतीं। सिनेमाघरों में इन पर बैन लगा, तो बाजारों में इन फिल्मों की पाइरेटेड डीवीडी बिकनी शुरु हो गईं, जिन पर किसी ने कोई एतराज नहीं किया। बैन हटने के बाद पाकिस्तान के थिएटरों में हिंदी की दो फिल्में एक साथ रिलीज होंगी। इनमें आमिर खान की दंगल के साथ नवाजुद्दीन की Úिके अली भी शामिल है। खबरों के मुताबिक, Úिके अली के दस और दंगल के 30 प्रिंटस रिलीज किए जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार, लाहौर, कराची और इस्लामाबाद के मल्टीप्लेक्स में बालीवुड की फिल्में रिलीज करने की तैयारियां भी शुरु हो गई हैं।