भोपाल। नेताओं की जुबान फिसलने या फिर विवादित बयान देने के मामले अब आम हो गए हैं, इसीलिए लोग अब इनकी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शुक्रवार को पीएचडी चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सम्मेलन में सामने आया है, जब राजधानी की हुजूर सीट के विधायक रामेश्वर शर्मा ने किसानों की आत्महत्या को लेकर तंज कस दिया।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि के क्षेत्र में काफी तरक्की हुई है, जिससे किसान लगातार समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं। आत्महत्या केवल वे किसान करते हैं, जो भरपूर सब्सिडी का फायदा उठा लेते हैं। ऑरिजनल किसान कभी आत्महत्या नहीं करता। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि मेहनत करने वाला किसान कभी निराश नहीं होता और वह मुसीबत में भी कभी आत्महत्या जैसे कृत्य करने की नहीं सोचता। उन्होंने किसानों को नसीहत भी दे डाली कि वे जितनी चादर हो, उतना ही पैर पसारें।
सब्सिडी की लालच न करें। उन्होंने कहा कि आत्महत्या करने वाले किसानों में केवल ऐसे लोग होते हैं, जो सब्सिडी की मलाई चाटने की तत्पर रहते हैं या बैंक से भारी कर्जा लेकर उसे हजम करने की फिराक में रहते हैं। विधायक ने सम्मेलन में बैंक लोन के निगमों को आसान बनाने की मांग करते हुए कहा कि नियमों के चलते किसानों को कर्ज लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसीलिए नियमों को हिन्दी में आसान बनाया जाना चाहिए। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के इस बयान पर विपक्षी राजनीतिक दलों ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बयान की निंदा करते हुए इसे किसानों का अपमान बताया है।