नई दिल्ली बीएचबीसी न्यूज एजेंसी। दिल्ली में एक बार फिर बर्ड फ्लू की दस्तक और चिड़ियाघर में नौ पक्षियों की मौत की वजह से चिड़ियाघर को अस्थाई तौर पर एहतियातन बंद कर दिया गया है। चिघ्यिाघर के पक्षियों में बर्ड फ्लू का वायरस मिलने की जानकारी के बाद बुधवार को दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने चिघ्यिाघर का दौरा कर हालात का जायजा लिया।
विकास मंत्री गोपाल राय ने चिड़ियाघर में हालात का जायजा लेने और अधिकारियों से मुलाकात के बाद कहा कि एहतियातन हर संभव कदम उठाये जाएंगे। गोपाल राय और चिड़ियाघर के डायरेक्टर अमिताभ अग्निहोत्री ने संयुक्तरूप से कहा, “चैदह तारीख को दो पक्षी की मौत हुई दूसरे दिन छह और पक्षी की मौत हुई। दो पक्षियों में बर्ड फ्लू पॉजिटिव पाया गया है। माइग्रेटेड पक्षी में फिलहाल ये पाया गया है। रोजी पेलीगन और प्रिटेंड स्टार्स पक्षी में पाया गया है। दिल्ली में दर्जन भर जगह पर माइग्रेटेड पक्षी आते हैं। वहां टीम भेजी गई मॉनिटरिंग करने के लिए। पोल्ट्री फार्म के ऊपर फिलहाल कोई खतरा नहीं है। चिड़ियाघर में रहने वाले पक्षी में फिलहाल बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं पाए गए हैं। फिलहाल बर्ड फ्लू का खतरा नहीं है।“
वहीं इस मसले पर दिल्ली चिड़ियाघर के जनसंपर्क अधिकारी रियाज खान ने बताया कि पक्षियों के सैंपल जांच के लिए जालंधर और भोपाल भेजा गया था। वहां से आई रिपोर्ट में बर्ड्स की मौत का कारण बर्ड फ्लू बताया गया है। चिड़ियाघर में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को बर्ड फ्लू का टीका लगाया जा रहा है। राष्ट्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने भी चिड़ियाघर प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। फिलहाल चिड़ियाघर में मौजूद अन्य पक्षियों को बर्ड फ्लू से बचाने के लिए जरूरी इंतजाम शुरू कर दिए गए हैं।
चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और यूपी से हर साल कुछ माइग्रेटरी पक्षी आते हैं। इनमें से पेंटेड स्टॉर्क पक्षी दूसरे राज्यों से सितंबर में चिड़ियाघर में डेरा डालने आते हैं। माना जा रहा है कि ये पक्षी दूसरे राज्यों से संक्रमित होकर यहां पहुंचे हैं। वहीं इन पक्षियों का प्रजनन शुरू हो गया है, इसलिए प्रशासन के लिए समस्या और भी गंभीर हो गई है। स्वतंत्र रूप से झील के आसपास रहने वाले इन प्रवासी पक्षियों का इलाज कर पाना संभव नहीं है, इसलिए इन्हें यहां से भगाने पर विचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि वर्ष 2005 और 2013 में दिल्ली समेत कई राज्यों को बर्ड फ्लू के मद्देनजर हाई अलर्ट पर रखा गया था, लेकिन उस समय दिल्ली में बर्ड फ्लू का मामला सामने नहीं आया था।