इसे एस्ट्रो टूरिज्म (Astro tourism) कहते हैं
अभी तक ब्रह्माण्ड (universe) की गतिविधियां सिर्फ एस्ट्रोनाॅट ही देख सकते थे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा होगा कि पृथ्वी पर भी ऐसी जगह है जहाँ से बह्माण्ड (universe) का खूबसूरत नजारा दिख सकता है? हमारे देश के कई राज्यों की भौगोलिक और प्राकृतिक परिस्थितियां ऐसी है जिनसे पृथ्वी और ब्रह्माण्ड की मनोहर खूबसूरती दिखती है इसे एस्ट्रोटूरिज्म कहते हैं।
देश के इन पर्वतीय क्षेत्रों से देख सकते हैं बह्माण्ड (universe)
इस बात में कोई दो राये नहीं है कि एस्ट्रो टूरिज्म (Astro tourism) देश के पर्यटन को नया आयाम दे सकता है, इससे राजस्वा में वृद्धि होगी। आकाश गंगा के नजारे की बात करें तो ऐसे नजारे जहाँ से देखे जाते हैं वह जगह और कहीं नहीं बल्कि हमारे देश के हिल्स एरियाज यानी पर्वतीय क्षेत्र आते हैं जिनमें हिमाचल प्रदेश ,लद्दाख और अपना उत्तराखण्ड भी शामिल हैं।
जरा इसे भी पढ़ें : क्या आप जानना चाहेंगे कि आपका बच्चा राइट हैंडेड होगा या लेफ्ट हैंडेड
पिछले वर्ष उत्तराखण्ड के मुक्तेश्वर में ब्रह्माण्ड दर्शन (universe philosophy ) का आयोजन किया गया था
यहाँ से आकाश की गतिविधियों को बखूबी निहारा जा सकता है। इस पर्यटन स्थल की पहचान बनाने और पर्यटकों के बीच यह बात लाने के लिए पिछले वर्ष उत्तराखण्ड के मुक्तेश्वर में ब्रह्माण्ड दर्शन का आयोजन किया गया था। इस वर्ष यह कार्यक्रम दोबारा होने जा रहा है। यह आयोजन इस बार नौकुचियाजाल स्थित टेपलटन अकेडमी में होगा जिसमें राष्ट्रीय स्तर की फोटोग्राफी प्रतियोगिता भी होगी।
वैसे तो हमे आकाश की कई गतिविधियां देखने को मिलती है जैसे-मेटियार साॅवर यानी टूटता तारा, तारामण्डल इत्यादि। ऐसे पर्वतीय क्षेत्रों से ब्रह्माण्ड का सुंदर नजारा जन्नत से कम नहीं लगता है और यहाँ विज्ञान के तथ्यों पर यकीन होता है जिन्हें हम पढ़ते आये हैं और जिन्हें हमने सिर्फ टीवी में ही देखा है।