शहर की सूरत बिगाड़ रहे बैनर, पोस्टर

Banners, posters spoiling appearance of the city
फाइल फोटो

Banners, posters spoiling appearance of the city

देहरादून। Banners, posters spoiling appearance of the city एक तरफ शासन, प्रशासन द्वारा राजधानी दून को स्मार्ट सिटी बनाने की कोशिशें की जा रही है वहीं दूसरी ओर शहर की दीवारों को निजी संस्थानों द्वारा अपने विज्ञापनों के इश्तहारों से पाटा जा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह राज्य की सांस्कृतिक छवि को उभारने और पर्यटकों को आकृर्षित करने के लिए कला और संस्कृति का दर्शन लोगों को इस तरह की पेटिंग और कलाकृतियों से करना चाहते है|

वहीं दूसरी ओर यह निजी संस्थान शहर की सूरत को गंदा कर रहे है लेकिन इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। राजधानी दून की मुख्य सड़कों से गुजरते हुए आप यह नजारा देख सकते है जो आपको इन तस्वीरों में दिखायी दे रहा है।

कान्वेट रोड, डीएवी और डीबीएस कालेज के आस पास की तमाम सड़कों और दर्शनलाल चौक के आस पास की दीवारों पर विभिन्न निजी कालेजों व शिक्षण संस्थानों और ट्यूशन सेन्टरों के इश्तहारों की भरमार देखने को मिलेगी।

जिनमें छात्र छात्राओं को आईपीएस और आईएएस सहित तमाम अन्य प्रतिर्स्पधात्मक नौकरियों में नियुक्तियों की गारंटेड सफलता का भरोसा दिलाया जा रहा है।

नियम कानून पर ध्यान नहीं दिया जा रहा

आज तकनीक के दौर में जब प्रचार प्रसार के तमाम संसाधन मौजूद है तब क्या शहर की दीवारों को अपने निजी प्रचार के लिए इस तरह बदरंग और मैला किया जाना जरूरी है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने बहुत पहले चुनावी पोस्टर वार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

दीवारों पर चुनावी पोस्टर, रंगाई पुताई और प्रचार का काम रोका जा चुका है। लेकिन शिक्षण संस्थानों द्वारा किसी भी नियम कानून पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, और शहर की दीवारों को गंदा किया जा रहा है।

यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि दून को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाने के लिए इन दिनों विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विज्ञापन नीति से लेकर शहर की साफ सफाई, पालीथीन का इस्तेमाल पर रोक के सार्थक प्रयास किये जा रहे है। जरूरत इस बात की है कि नगर प्रशासन भी इस ओर ध्यान देे।

जरा इसे भी पढ़ें

कांस्टेबल ने खुद को मारी गोली
पर्वतजन संपादक पर षड्यंत्र के तहत दर्ज हुआ मुकदमा
दरोगा ने दुकानदार को मारे कई थप्पड़, वीडियो वायरल