नई दिल्ली,। बैंकों के यूनियन-एसोसियेशन के संयुक्त मोर्चे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के आह्वान पर मंगलवार को देशभर के सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारी-अधिकारी एक दिन की हड़ताल पर रहे। इनका विरोध विभिन्न मांगों को सरकार द्वारा नहीं मानने पर है। वहीं दो बैंक कर्मचारी-अधिकारी संगठनों ने इस हड़ताल में हिस्सा नहीं लिया।
हड़ताली बैंककर्मियों की मांग है कि नोटबंदी के दौरान किए गए काम के लिए उन्हें अलग से पैसा दिया जाए।
साथ ही बैंकों के बढ़ रहे एनपीए के लिए बड़े अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाए। बैंककर्मी अपनी सेवा-शर्तों को लेकर लंबे समय से सरकार से मांग कर रहे हैं। इस हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्रों की 27 बैंकों का कामकाज प्रभावित हुआ। वहीं निजी बैंक इस हड़ताल से अप्रभावित दिखे। 28 फरवरी को हुई एक दिन की बैंक हड़ताल में नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) तथा नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफीसर्स (एनओबीओ) शामिल नहीं हुए।