बंदरों का आतंक : दो छात्राओं पर किया हमला Bandaro ka aatank

Bandaro ka aatank
बंदरों का आतंक , दो छात्राओं पर किया हमला Bandaro ka aatank

पौड़ी। बंदरों का आतंक (Bandaro ka aatank) पौड़ी में दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। बंदर खेती को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं, लेकिन अब बंदर हमलावर भी हो रहे हैं। बंदरों के दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे आतंक के कारण लोगों में नाराजगी भी बनी हुई है और लोग सहमे हुए भी है। मंगलवार को पौड़ी में कंडोलिया मंदिर में दर्शनों के लिए पौड़ी परिसर की 2 छात्राओं को बंदरों के एक झुंड ने हमला घायल कर दिया। छात्राओं के हो-हल्ला करने पर कॉलेज के ही कुछ छात्रों ने बंदरों को भगाकर छात्राओं को छुठाया और जिलाअस्पताल में भर्ती करवाया। छात्राओं का प्राथमिक इलाज कर उन्हें घर भेज दिया गया है।

छात्राओं की मदद करने वाले छात्र नेता गंभीर नेगी, भारत नेगी आदि ने बताया कि मंगलवार को सुबह करीब 12 बजे पौड़ी परिसर में बीए तृतीय वर्ष में पढ़ने वाली छात्रा करिश्मा और हिमानी कॉलेज जाने से पहले कंडोलिया मंदिर में दर्शनों के लिए गई। इसी बीच बंदरों ने दोनों छात्राओं पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। छात्राओं के पैर और हाथ पर चोट आई है। जिलाअस्पताल के चिकित्सकों ने छात्राओं का प्राथमिक इलाज कर उन्हें घर भेज दिया है। वहीं, बंदरों के दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे आतंक से शहरवासियों में नाराजगी बनी हुई है। शहरवासियों ने प्रशासन से इस ओर ठोस कदम उठाने की मांग की है।

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वहीं कोटद्वार में इन दिनों शहरवासी बंदरों के आंतक के चलते भय के साए में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। उत्पाती बंदर शहर के अनेक लोगों को काट कर घायल कर चुके हैं। उसके बावजूद जिम्मेदार तंत्र शहर वासियों की इस समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिस कारण शहर वासियों की समस्या दिन-प्रति-दिन बढ़ती जा रही है।नगर में आए दिन बंदरों के हमले की घटनाएं हो रही हैं।

बेखौफ बंदरों के हौसले बुलंद

बेखौफ बंदरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि घरों में घुसकर सामान उठा कर ले जा रहे हैं। विरोध करने पर झपट्टा मारकर घायल कर रहे हैं। रेलवे स्टेशन, गोविन्द नगर, बद्रीनाथ मार्ग, कोतवाली समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी बंदरों का आतंक है। लेकिन संबंधित विभाग इन्हें पकड़ने की जहमत तक नहीं उठा रहा है।नगर क्षेत्र में कटखने बंदरों का आतंक बढ़ गया है। बंदरों के डर से बच्चे, बुर्जुर्गों ने घर से निकलना बंद कर दिया है। लोगों ने नगर पालिका और वन विभाग से बंदरों से निजात दिलाने की मांग की है।

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उन्होंने कहा कि अगर जिम्मेदार विभाग उनकी नहीं सुनते है तो वह उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। कोटद्वार में लम्बे समय से बंदरों ने उत्पात मचा रखा है। सरकारी अस्पताल के आसपास भी बंदरों का आतंक है। मरीजों के परिजन जब फल वगैरह लेकर अस्पताल आते हैं तो बंदर उन पर भी हमला बोल देते हैं। क्वार्टरों में रहने वाले कर्मचारी और उनके परिजन भी बंदरों के आतंक से परेशान हैं। विशेषकर छोटे बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी होती है। बंदर घरों से खाने की वस्तुओं, अन्य सामग्री व घरों के बाहर से कपड़े उठा कर ले जाते हैं।

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