जानिए महबूबा ने किसके विचारों को अपनाने को कहा

जम्मू । मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान से हालात बेहतर बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अटल बिहारी वाजपेयी के पदचिन्हों पर चल रहे हैं। मोदी की पहल का सही जवाब न देने वाले पड़ोसी देश को सोच में बदलाव लाना चाहिए। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पड़ौसी से अच्छे संबंध कायम करने के लिए वाजपेयी की तरह मोदी भी लाहौर गए थे लेकिन सामने से सही प्रतिक्रिया नही आई। पाकिस्तान की यह सोच सही नही है। आप अपने दोस्घ्त चुन सकते हैं पड़ोसी नहीं। हमें अटल बिहारी वाजपेयी जी के विचारों को अपनाना होगा।

महबूबा मुफ्ती राज्य की शीतकालीन राजधानी जम्मू में सोमवार सुबह दरबार खुलने के बाद राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत कर रही थी। सीमा पर हालात बेहतर बनाने को समय की मांग करार देते हुए उन्होंने कहा कि सीमा पर रहने वाले सत्तर सालों से गोलीबारी का दंश झेल रहे हैं। लोग बेघर हैं, स्कूल बंद हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में इस समय ताकतवर नेतृत्व है जो बर्दाश्त से काम लेते हुए ऐसा पफैसला करे जिससे वैसा ही संघर्ष विराम हो जो वर्ष 2008 तक रहा। मोदी, वाजपेयी के अभियान को आगे बढ़ाएं। जम्मू में सोमवार को दरबार खुलने के पहले दिन मुख्यमंत्री ने सचिवालय में जम्मू कश्मीर पुलिस के दस्ते के गार्ड आपफ आनर का निरीक्षण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री केसाथ उपमुख्यमंत्री डा निर्मल सिंह व मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर के हालात की सबसे बड़ी शिकार शिक्षा हुई है।

हमने घाटी में स्कूल जलाने वाले शरारती तत्वों को हिरासत में लिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के हालात में व्यापार चला, दुकानें खुली लेकिन शिक्षा को जो नुकसान हुआ वह दुखदायक है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर इस दिशा में कोई अच्छी पहल होगी। वहीं राज्य में आतंकवाद को चिंता का विषय करार देते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवादी चाहे 2 हो या 250, यह गंभीर मामला है। हमारी कोशिश है कि गुमराह होकर सीमा पार चले गए उन स्थानीय युवाओं को मुख्यधारा में लाया जाए जिनके खिलाफ संगीन मामले नही हैं। हाल में सोपोर का एक युवा वापस लौटा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सुरक्षाबल आतंकवाद से लड़ रहे हैं। पहले उनकी संख्या हजारों में थी, अब वे 100-200 की संख्या तक पहुंच गए हैं। अलबत्ता उन्होंने कश्मीर में होने वाली अलगाववादियों की बैठक को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार कर दिया। इससे पूर्व सुबह साढ़े नौ बजे राज्य सचिवालय पहुंचने पर मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत हुआ। सचिवालय के मुख्य भवन केबाहर राज्य के मुख्य सचिव बीआर शर्मा व पुलिस महानिदेशक के राजेन्द्रा ने उनका स्वागत किया।