फतेहपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां भाजपा की विजय शंखनाद रैली में समाजवादी पार्टी (सपा) और सरकार के मुखिया अखिलेश यादव पर जमकर तंज कसे। वहीं उन्होंने गायत्री प्रजापति को लेर सवाल पूछा कि क्या कांग्रेस और सपा का गठबन्धन प्रजापति की तरह पवित्र है? प्रधानमंत्री ने कहा कि गठबन्धन होने के बाद पांच दिन तो ऐसे गाने सुना रहे थे कि कुछ नया कर दिया। नामांकन शुरू हुआ तो एक के बाद एक पत्ते खुल गए। पीएम मोदी ने कहा कि सपा वाले पहले कहते थे कि किसी से कोई समझौता नहीं करेंगे। दो तिहाई से ज्यादा सीटे लायेंगे। थोड़े दिन बाद वह बोलना बन्द हो गया।
फिर कहने लगे कि अब हम मिल गए हैं भारी मत लायेंगे लेकिन आज अखिलेश जी ने सुबह मतदान के बाद जब मीडिया के सामने आये तो उनका चेहरा लटक रहा था और आवाज में दम नहीं थी। डरे हए थे, शब्द खोज रहे थे, जैसे बाजी हर चुके हैं। बड़ी मुश्किल से बोले कि हमारी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी तो बनेगी ही। पीएम मोदी ने सवालिया लहजे में कहा, श्श्क्या हो गया भाई ? अभी तो तीसरा चरण चल रहा है आपके हौसले पस्त हो गए। उन्होंने कहा कि इसका कारण जनता जर्नादन है। देश प्रजा के साथ धोखा बर्दाश्त नहीं करता है। पीएम मोदी ने कहा कि जिस पार्टी ने 70 साल तक देश को लूटा, अखिलेश जी आपने उसकी गोद में बैठक राम मनोहर लोहिया को अपनामनित किया। जनता इन बातों को माफ नहीं करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि थोड़े दिन पहले मैने कहा कि उत्तर प्रदेश में थाना सपा का कार्यालय बन गया है। यह पुलिस वालों की मंजूरी नहीं मजबूरी से बना है। उनको डराकर धमका कर पुलिस थानों को सपा के कार्यालय में परिवर्तित कर दिया गया है।
जब तक सपा नेता नहीं कहे, किसी ईमानदार व्यक्ति की बात थाने में सुनी नहीं जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्वाच्च न्यायालय को यूपी सरकार को डांटना पड़ा कि गायत्री प्रजापति के खिलाफ एफआईआर लिखो। उन्होंने कहा कि एक एफआईआर लिखने के लिए सुप्रीम कोर्ट को बीच में आना पड़ा। प्रधानमंत्री ने सवाल पूछा, ये आपने कौन सा काम किया अखिलेश जी? आपके गायत्री प्रजापति ने कौन सा काम किया, जनता को बताओ। उन्होंने कहा कि क्या आपने मां-बेटियों की हत्या, इज्ज्त लूटने के लिए सपा सरकार बनायी थी। काम है या कारनामा। उन्होंने कहा कि हैरानी वाली बात तो देखो अखिलेश जी आपने अपना चुनाव अभियान गायत्री प्रजापति के प्रचार से शुरू किया। जनता जानता चाहती है कि सपा-कांर्ग्रेस का गठबन्धन गायत्री प्रजापति की तरह पवित्र है क्या?