हाईबोल्टेज ड्रामा खत्म, टीपू ही होंगे सूल्तान

लखनऊ। समाजवादी पार्टी का हाईबोल्टेज ड्रामा खत्म हो चुका है। कुछ दिनों से समाजवादी पार्टी में बाप-बेटे व चाचा भतीजे के बीच उठापटक चल रही थी। जिस तरह से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाल दिया था और अभी 24 घंटे भी नहीं बीते कि इन दोनो के निष्कासित पत्र को तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुए 20 घंटे में ही पार्टी में वापस ले लिया है।
जिसका ऐलान खुद मुलायम ने न करके पहले शिवपाल यादव ने ट्वीट किया उसके बाद भर्राई आवाज में पत्रकारों को इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि चुनाव में सब साथ मिलकर साम्प्रदायिक ताकतों से लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि टिकटों को लेकर सभी से बातचीत के बाद निर्णय लिया जायेगा और नई सूची तैयार बनायी जायेगी। शिवपाल ने वर्ष 2017 में मिलकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का भी दावा किया।
लेकिन इन सब के बाद भाजपा का मनाना है कि यह सब स्क्रिप्टेड व ड्रामा था, जिससे उत्तर प्रदेश की जनता व मीडिया को भ्रमित किया जा सके। जिसका पलटवार करते हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने कहा कि अगर यह स्क्रिप्टेड था तो भी सुलह हुआ और हमे फायदा हुआ है। आजम ने कहा कि इस पूरी घटना से सबसे ज्यादा परेशान मुसलमान हुआ है क्योंकि उन्हे पता है कि अगर सपा कमजोर होगी तो भाजपा मजबूत होगी।
गौरतलब है कि इस निष्कासन को रद्द कराने में वरिष्ठ नेता आजम खां ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे पहले मुलायम और अखिलेश गुट ने शनिवार को अपनी-अपनी बैठकें बुलायी थीं, लेकिन मुख्यमंत्री की बैठक में 224 विधायकों में से 200 विधायक पहुंचे, जबकि केवल 15 विधायक मुलायम से पहुंचे। , इससे से साफ हो गया था कि टीपू ही असली सुल्तान हैं। इसके बाद आजम स्वयं मुख्यमंत्री को लेकर मुलायम के आवास पर पहुंचे, जहां कुछ देर बाद प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को भी बुलाया गया। जहां अखिलेश और रामगोपाल का निलम्बन वापस लेने पर सहमति बनी।