विशेषज्ञों ने पक्षी प्रेमियों को दी गिद्ध के बारे में जानकारी About Vulture

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विशेषज्ञों ने पक्षी प्रेमियों को दी गिद्ध के बारे में जानकारी About Vulture in hindi

ऋषिकेश । थानो वन परिसर में आयोजित पांचवें बर्ड स्प्रिंग फेस्टिवल के दूसरे दिन पक्षी विशेषज्ञों ने पक्षी प्रेमियों को गिद्ध से संबंधित विभिन्न जानकारियां दीं। मौके पर पक्षी प्रेमियों ने बर्ड वाचिंग के तहत वन क्षेत्र का भ्रमण भी किया। थानो वन परिसर में पांचवें बर्ड स्प्रिंग फेस्टिवल के दूसरे दिन पक्षी विशेषज्ञों ने गिद्ध से संबंधित (About Vulture) विभिन्न जानकारियां दी। गिद्ध विशेषज्ञ डाॅ. विभू प्रकाश ने कहा कि 1990 से पूर्व गिद्धों की संख्या चार करोड़ से अधिक थी।

1996 में गिद्धों की संख्या में 97 प्रतिशत की कमी आ गई। इसके बाद गिद्धों की संख्या में आई कमी को लेकर जांच की गई और पाया गया कि गाय, भैंस व अन्य पशुओं में डिक्लोफेनिक नामक दवाई के प्रयोग से गिद्धों की मृत्यु हुई है। जिन गाय, भैंस व पशुओं को डिक्लोफेनिक नामक दवाई दी गई थी, इन मवेशियों को मरणोपरांत गिद्धों ने खाया। इससे गिद्धों की मृत्यु हो गई। वर्तमान में सरकार गिद्धों के संरक्षण और प्रजनन के लिए कार्य कर रही है और गिद्ध के अंडों का संरक्षण किया जा रहा है।

Bird experts

500 से अधिक प्रतिभागी बर्ड वाचिंग के लिए आए

बताया कि गिद्ध एक मात्र ऐसा पक्षी है जो मृत जानवरों को खाता है और वातावरण में होने वाली दुर्गंध और बीमारियों से मानव को बचाता है। प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने बताया कि बर्ड वाचिंग के लिए इस फेस्टिवल में विभिन्न स्कूलों के बच्चों और पक्षी प्रेमी व विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया है। लगभग 500 से अधिक प्रतिभागी बर्ड वाचिंग के लिए आए हैं। वन क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर इनको भ्रमण करवाया जा रहा है और इन्हें विभिन्न पक्षियों की विशेषताओं से अवगत कराया जा रहा है।

मौके पर ईको टूरिज्म के मुख्य वन संरक्षक जीएस पांडे, अपर प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन, पक्षी विशेषज्ञ संजय सौढ़ी, वन संरक्षक शिवालिक पीके पात्रो, प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान, उप प्रभागीय वनाधिकारी बीबी मार्तोलिया, वन क्षेत्राधिकारी डाॅ. उदयनंद गौड़, भुवनचंद्र केशवाल, अमिताभ जोशी, मोहन सिंह रावत, रविंद्र कुमार निराला, अरविंद डोभाल, गमाल सिंह रावत, प्रदीप रावत आदि उपस्थित रहे।

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